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ग्रामीणों को लाभ पहुंचाने बनाई थी नौ करोड़ की योजना, लेकिन यह है जमीनी हकीकत

कोरिया जिले के ग्राम पंचायत मुरमा का एक ऐसा मामला जहां दो साल पहले भाजपा सरकार के कार्यकाल में ‘हमर जंगल-हमर आजीविका” के तहत 170 एकड़ वन अधिकार पट्टे की भूमि में 70 किसानों के आजीविका के लिए 9 करोड़ से अधिक खर्च कर डाले पर जमीनी हकीकत यह है कि खर्च किए गए करोड़ों स्र्पयों से किसी किसान को लाभ नहीं मिला। बल्की इस योजना में शामिल विभाग के अधिकारी व कर्मचारी मालामाल हो गए। इस योजन के सभी प्रकार के निर्माण कार्यो में जमकर लूट हुई जिसमें जिले के कई विभाग शामिल थे। करोड़ांे स्र्पये खर्च करने के बावजूद वन अधिकार पट्टे की भूमि के 70 किसानों की दशा जस की तस है।

वर्ष 2017-18 में बैकुंठपुर जनपद अंतर्गत ग्राम मुरमा देवखोल ने हमर जंगल हमर आजीविका नामक योजना के लिए चयन किया गया। योजना के तहत पंडो व आदिवासी के आर्थिक और सामाजिक उत्थान के लिए तालाब, स्टॉप डेम, फेसिंग उद्यानिकी के कार्य कराया गया। तत्कालीन कलेक्टर नरेंद्र दुग्गा और वर्तमान जिला पंचायत सीईओ तूलिका प्रजापति ने वन अधिकार के तहत मिली वन भूमि जिला पंचायत के साथ कृषि उद्यान, लोक स्वास्थ्य एवं यांत्रिकी, आरईएस, जलसंसाधन, रेशम, मत्स्य विभाग के तहत 9 कराेड रुपये दिए थे।
मजदूरी के लिए अलग से राशि मनरेगा से मुहैया कराई गई। 170 एकड़ के क्षेत्र में किए गए कार्य जैसे मुरमीकरण, सड़क, नहर, नाला, फेसिंग बाउन्ड्री, तालाब, डबरी निर्माण, कच्चा मकान निर्माण, स्टाप डेम, बोरवेल, सोलर पंप का निर्माण कराया गया, टपक विधि से सिंचाई के ड्रीप भी लगया गया। जिसमें जल संसाधन विभाग ने 7 स्टॉप डेम और एक मिट्टी का बांध बनाया जो किसी काम का नहीं है।

6-6 लाख के 6 और 1 लगभग 40 लाख की लागत से बनाया गया 10 लाख की लागत से मिट्टी बांध का निर्माण किया गया मिट्टी बांध के निर्माण के बाद से अब तक एक बूंद पानी नहीं है। जबकि स्टॉप डेम का निर्माण जहां कराया गया उन स्थानों में ग्रामीणों को किसी प्रकार का लाभ नहीं मिल सका नहीं मिल सकेगा मनरेगा और डीएमएफ के तहत कराया निर्माण कार्य मशीनों से फटाफट काम करया गया। खुदे नलकूप किसी काम के नहीं वैसे भी अधिकांश नल तो सूखे पड़े हैं। शुस्र्आत में 70 किसानों ने यहां मुनगा, आम, अमरूद, साग सब्जी की खेती की। उपजी फसलों को बेच वे आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ ही रहे थे, लेकिन यह योजन कांग्रेस सरकार के आते ही दम तोड़ गई।

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