
नई दिल्ली। राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआइ) ने अनिल अंबानी नियंत्रित रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर (आरइन्फ्रा) और अडानी ट्रांसमिशन के बीच मुंबई पावर बिजनेस से जुड़ी सौदेबाजी को मंजूरी दे दी है। आरइन्फ्रा ने सोमवार को एक बयान में कहा कि दिसंबर 2017 में दोनों कंपनियों के बीच हुए करार के तहत वह अपना मुंबई पावर बिजनेस अडानी ट्रांसमिशन के हाथों बेचेगी।
सौदे की शर्तों के मुताबिक मुंबई पावर बिजनेस की 100 फीसद हिस्सेदारी के बदले आरइन्फ्रा को अडानी ट्रांसमिशन की तरफ से 18,800 करोड़ रुपये मिलेंगे। सौदे से जुड़ी सभी औपचारिकताएं इस वर्ष मार्च के अंत तक पूरी हो जाने की उम्मीद है।
बयान के मुताबिक आरइन्फ्रा इस रकम का उपयोग अपने रक्षा समेत अन्य कारोबार में करना चाहती है। रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर के मुंबई पावर बिजनेस को रिलायंस एनर्जी के नाम से भी जाना जाता है।
यह एकीकृत ऊर्जा वितरण कंपनी के क्षेत्र में देश की सबसे बड़ी निजी बिजली कंपनी है, जो मुंबई के अर्ध-शहरी इलाकों में 400 किमी दायरे में 30 लाख रिहाइशी, औद्योगिक व व्यापारिक ग्राहकों को बिजली मुहैया कराती है। मांग के चरम पर कंपनी 18,00 मेगावाट बिजली मुहैया कराती है और इसका सालाना राजस्व 7,500 करोड़ रुपये है।