
वैकुण्ड चतुर्दशी पर श्री हर ने (श्री महाकालेश्वर) श्री हरि (श्री गोपाल) को सृष्टि का भार सौंपा. भगवान श्री महाकालेश्वर जी की सवारी श्री महाकालेश्वर मंदिर से महाकाल चौराहा, गुदरी चौराहा और पटनी बाजार होते हुए गोपाल मंदिर पहुंची.
उज्जैन में श्री महाकालेश्वर मंदिर से वैकुण्ठ चतुर्दशी की रात्रि को हरिहर भेंट की सवारी धूमधाम से निकाली गई. वैकुण्ठ चतुर्दशी पर श्री हर ने (श्री महाकालेश्वर) श्री हरि (श्री गोपाल) को सृष्टि का भार सौंपा.
रात्रि को भगवान श्री महाकालेश्वर रजत पालकी में सवार होकर श्री हरि श्री द्वारकाधीश जी से भेंट करने गए और उनको सम्पूर्ण सृष्टि का कार्यभार सौंपा. भगवान श्री महाकालेश्वर जी की सवारी श्री महाकालेश्वर मंदिर से महाकाल चौराहा, गुदरी चौराहा, पटनी बाजार होते हुए गोपाल मंदिर पहुंची. जहां पूजन के दौरान बाबा श्री महाकालेश्वर बिल्वपत्र की माला श्री गोपाल जी को भेंट की गई एवं वैकुण्ठनाथ अर्थात श्री हरि तुलसी की माला बाबा श्री महाकालेश्वर को भेंट की. पूजन के बाद सवारी पुन: इसी मार्ग से श्री महाकालेश्वर मंदिर वापस आई. इसके बाद भगवान श्री हरि (गोपाल) भी गरुड़ पर सवार होकर महाकालेश्वर मंदिर पहुंचे और यहां उनका पूजन अर्चन किया गया.
हरिहर मिलन के साथ ही श्री महाकालेश्वर मंदिर में अलसुबह हुई भस्म आरती के दौरान भाजपा के वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय अपने परिवार के साथ शामिल रहे. जिन्होंने बाबा महाकाल के निराकार से साकार स्वरूप के दर्शन किए और पूरी भस्म आरती के दौरान वे नंदी हॉल में ही बाबा महाकाल की भक्ति में लीन दिखाई दिए. इसके बाद उन्होंने बाबा महाकाल का पूजन अर्चन भी किया.