विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने अपने निज सचिव अवधेश तिवारी को पद से हटा दिया है। आरोप हैं कि उन्होंने ग्राम पंचायत सूरा में अपने पद का इस्तेमाल कर मतगणना के दौरान पत्नी को बढ़त दिलवा दी। हालांकि, अवधेश तिवारी ने इन आरोपों को निराधार बताया है। उन्होंने कहा कि वे पहले ही त्यागपत्र दे चुके हैं।
यह है विवाद :
ग्राम पंचायत सूरा के चुनाव में अवधेश तिवारी की पत्नी कृष्णा तिवारी सरपंच पद की प्रत्याशी थीं। एक जुलाई को वहां मतदान कराया गया और मतपत्रों की गणना हुई। मतगणना में अवधेश तिवारी की पत्नी पिछड़ गईं। लिहाजा दोबारा, तिबारा गणना कराई गई, जिसमें उन्हें तीन वोट से बढ़त मिल गई। सूरा निवासी मोले द्विवेदी ने आरोप लगाया कि अवधेश तिवारी की पत्नी 20 वोट से पीछे थीं। दोबारा गणना होने पर सात वोट से पीछे रहीं और फिर तीसरी गणना में तीन वोट से बढ़त बना ली।
दी सफाई :
अवधेश तिवारी ने सफाई देते हुए कहा है कि पद पर रहते हुए पंचायत के चुनाव में काम नहीं कर पाते। इसलिए उन्होंने एक जून को इस्तीफा दे दिया था। यह पत्र अब सामने आया है। पुनर्मतगणना को लेकर उनका दावा है कि मेरी पत्नी पहले ही जीत चुकी थी। दोबारा मतों की गिनती के लिए किसी ने कोई आवेदन नहीं दिया, तो पुनर्मतगणना का सवाल ही पैदा नहीं होता। यह सब तथ्यहीन बातें हैं। कुछ लोग जानबूझकर इसे गलत रूप में पेश कर रहे हैं।
इनका कहना है
अवधेश तिवारी पर कुछ आरोप लगे थे। इसलिए उन्हें निज सचिव के पद से पृथक किया गया है।
– गिरीश गौतम, विधानसभा अध्यक्ष।
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