
बिजनेस डेस्कः नए आर्डर के बढ़ने से सेवाओं के कारोबार में इस वर्ष जून में पुन: तेजी लौट आई और इस क्षेत्र में एक साल की सबसे तेज वृद्धि दर्ज की। एक प्रतिष्ठित मासिक सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है। मई में सेवा क्षेत्र में मामूली गिरावट रही थी। भारत सेवा कारोबार क्षेत्र की गतिविधियों संबंधी निक्की सूचकांक मई के 49.6 से बढ़कर जून में 52.6 पर पहुंच गया। यह जून 2017 के बाद का सबसे तेज वृद्धि है।
सूचकांक के 50 से ऊपर रहने का मतलब वृद्धि होता है जबकि 50 से कम सूचकांक गिरावट का सूचक होता है। आईएचएस मार्किट की अर्थशास्त्री एवं रिपोर्ट की लेखिका आश्ना डोढिया ने कहा, ‘‘सेवा क्षेत्र में जून महीने में पुनः तेजी लौट आई। मांग में सुधार के कारण इस क्षेत्र में यह एक साल की सबसे तेज वृद्धि हुई है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मांग में सुधार के कारण सेवा प्रदाताओं ने र्भितयां भी तेज हुई है। मई में नई भर्तियों की दर पांच माह के निम्न स्तर पर थी।’ इस दौरान लागत प्ररित महंगाई का ठोस दबाव बना हुआ था पर कंपनियां खर्च का बोझ उपभोक्ताओं पर डालने में असफल रहीं।
डोढिया ने कहा, ‘‘लागत खर्च जुलाई 2014 के बाद सबसे तेजी से बढ़ा और कमजोर रुपया एवं कच्चा तेल की अधिक कीमत के कारण लागत का दबाव बना रह सकता है।’’ इस बीच समग्र पीएमआई सूचकांक मई के 50.4 की तुलना में जून में 53.3 पर पहुंच गया। यह अक्तूबर 2016 के बाद सर्वाधिक है।