
भोपाल . पैसा जुटाने के लिए राज्य सरकार बजट में बेटरमेंट टैक्स के साथ कुछ राशि लेकर अतिरिक्त एफएआर (फ्लोर एरिया रेशो) भी देने पर विचार कर रही है। इसके साथ ही जिलों की ऑडिट आपत्ति में फंसे 1700 करोड़ निकालने के लिए भी स्कीम लाने की तैयारी है। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने रविवार को वित्तमंत्री और विभाग के अधिकारियों के साथ बजट के तमाम मसलों पर बात की। इसमें वह रिपोर्ट भी रखी गई, जिसे पांच टीमों ने एक सप्ताह चर्चा के बाद तैयार किया था। पांच टीमों ने ऊर्जा-अधोसंरचना, सामाजिक क्षेत्र, कृषि व सहयोगी क्षेत्र, शिक्षा एवं स्वास्थ्य के साथ अतिरिक्त राजस्व उपार्जन के उपायों पर बात की थी। राज्य सरकार की ओर से 18 मार्च को बजट पेश करने का प्रस्ताव है। इसीलिए मुख्यमंत्री जल्द से जल्द बजट को अंतिम रूप देना चाहते हैं। लिहाजा अवकाश के दिन बैठक देर रात तक चली।
2.33 लाख करोड़ का था पिछला बजट, इस बार इससे ज्यादा रखने की तैयारी
बताया जा रहा राज्य सरकार इस बार बजट के आकार को भी कम नहीं करेगी। मसलन पिछली बार 2.33 लाख करोड़ का बजट पेश हुआ था, कमोबेश आकार इससे अधिक ही रखने की चर्चा है। इधर, वित्त के सूत्रों का कहना है कि रेवेन्यू कलेक्शन के टारगेट को 10 से 15 फीसदी तक बढ़ाने के साथ ही कुछ नए विकल्पों पर भी बात हुई। पांच टीमों के सुझाव में यह भी कहा गया है कि जिलों में लंबे समय से ऑडिट में काफी पैसा फंसा है। जिलों को यह स्कीम दी जा सकती है कि जो भी ऑडिट की इस वसूली को करेगा, उसे वसूल की गई राशि में कुछ फीसदी हिस्सा प्रोत्साहन के रूप में मिलेगा। यह राशि जिले के संबंधित लोगों में बंट जाएगी।
दूसरी कंपनियों के शेयर बेचेगी सरकार
ज्वाइंट वेंचर में जिस भी कंपनी अथवा संस्थान के साथ सरकारी निगम अथवा एजेंसी के शेयर हैं, उन्हें विनिवेश नीति में लाया जाएगा। साफ है कि शेयर बेचकर एक तो राज्य सरकार संयुक्त उपक्रम से बाहर होगी, साथ ही जो पैसा मिलेगा उसका उपयोग दूसरी योजनाओं में किया जा सकेगा। अभी मप्र वित्त विकास निगम के सिडबी में और मप्र सड़क विकास निगम के शेयर एनएचएआई में हैं।
बैंकों में रखे पैसे को व्यवस्थित करेंगे
इस समय वन विकास निगम, मंडी बोर्ड, विश्वविद्यालयों और विकास प्राधिकरणों का अरबों रुपए बैंकों में रखा है। इसमें अलग-अलग ब्याज दर पर है। इसे सरकार व्यवस्थित करेगी। वित्त विभाग का सोचना है कि व्यवस्थित किया जाए तो ब्याज ज्यादा मिल सकेगा।
बिजली लाइन की जगह सोलर पंप
ग्रामीण इलाकों में विद्युत लाइन के विस्तार की जगह सोलर पंप अथवा वैकल्पिक ऊर्जा की तरफ सरकार बढ़ेगी। इससे बिजली की सब्सिडी के साथ लाइन के साथ खंभों का खर्च बचेगा।
100 से अधिक स्कीमों की सूची
बैठक में 14वें वित्त आयोग की कई स्कीमों पर बात हुई। चर्चा की गई कि किन योजनाओं को वित्तीय वर्ष 2020-21 में चालू रखा जाए। एेसी 100 से अधिक स्कीमों पर बात हुई। वित्त के सुझाव की मानें तो आगे स्कीमों को चलाने के लिए इसे 15वें वित्त आयोग के ब्रैकेट में लाना होगा। लाड़ली लक्ष्मी स्कीम पर भी बात हुई, लेकिन इसे आगे जारी रखने पर जोर दिया गया।
ऐसा हो सकता है बेटरमेंट टैक्स
सरकार किसी क्षेत्र में कोई विकास कार्य कराती है और उससे आसपास के क्षेत्रों में प्रापर्टी के दाम बढ़ते हैं तो नगर निगम के जरिए उनसे कुछ राशि बेटरमेंट टैक्स के रूप में ली जा सकती है। इसी तरह अभी तक ट्रांसफरेबल डेवलपमेंट राइट (टीडीआर) नीति के तहत अतिरिक्त एफएआर का प्रमाण-पत्र मिलता है, जिसे लेने वाला दूसरे व्यक्ति को बेच पाता है। अब राज्य सरकार खुद ही कुछ राशि लेकर अतिरिक्त एफएआर देने पर विचार कर रही है।
मूलधन लेकर ब्याज छोड़ा जाएगा
आयकर विभाग में लागू समाधान स्कीम की तरह राज्य सरकार भी आबकारी, वन, माइनिंग और जीएसटी के विवादों में उलझी राशि निकालने के लिए समाधान योजना लाने पर विचार कर रही है। मूलधन लेकर ब्याज छोड़ा जाएगा।