ग्राहकों की परेशानी पर फोकस
विवेक झा, भोपाल, 18 सितंबर। कैब सेवाओं में लगातार हो रही अनियमितताओं और शिकायतों को देखते हुए क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) ने सख्त रुख अपनाया है। आयोजित बैठक में टैक्सी यूनियन और डिजिटल प्लेटफॉर्म प्रदाता कंपनियों—ओला, उबर, रैपिडो और बंजारा—के प्रतिनिधियों को साफ-साफ निर्देश दिए गए कि ग्राहकों की शिकायतों को तत्काल गंभीरता से लेकर निराकरण किया जाए।
यात्रियों की सबसे बड़ी शिकायत यह है कि बुकिंग होने के बावजूद ड्राइवर अचानक राइड कैंसिल कर देते हैं। इसके अलावा समय पर कैब न मिलना, अचानक किराए का बढ़ जाना (सर्ज प्राइसिंग), ड्राइवर का लोकेशन पर देर से पहुंचना और गलत लोकेशन पकड़ लेना आम समस्याएं हैं। इनसे यात्री खासतौर पर ऑफिस समय और रात में बेहद परेशान रहते हैं।
ड्राइवरों की शिकायतें भी आईं सामने
बैठक में सिर्फ ग्राहकों की समस्याओं पर ही नहीं, बल्कि ड्राइवरों की शिकायतों पर भी चर्चा हुई। ओला से जुड़े ड्राइवरों ने बताया कि ऐप पर दिखाई जाने वाली दूरी वास्तविक दूरी से कम होती है। इससे उन्हें आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है। इस पर आरटीओ ने कंपनी को तुरंत जांच करने और तकनीकी सुधार लागू करने के निर्देश दिए।
नॉन-ट्रांसपोर्ट वाहनों पर रोक
बैठक में आरटीओ अधिकारियों ने स्पष्ट कर दिया कि किसी भी हालत में नॉन-ट्रांसपोर्ट वाहनों को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर रजिस्टर नहीं किया जाएगा। ऐसा करना न केवल नियमों का उल्लंघन है बल्कि यात्रियों की सुरक्षा के लिए भी खतरा है।
ऐप और ग्रीवेंस रिड्रेसल मैकेनिज्म सुधारने के निर्देश
ग्राहकों की सुविधा और पारदर्शिता के लिए कंपनियों को अपने ऐप्स में सुधार करने के निर्देश दिए गए। आरटीओ जीतेन्द्र शर्मा ने कहा कि ग्रीवेंस रिड्रेसल मैकेनिज्म को सरल और मजबूत बनाया जाए, ताकि यात्री आसानी से शिकायत दर्ज कर सकें और उसका त्वरित समाधान पा सकें।
आरटीओ की चेतावनी
अधिकारियों ने स्पष्ट कहा कि यह बैठक सिर्फ दिशा-निर्देश देने तक सीमित नहीं है। आने वाले समय में आदेशों के पालन की समीक्षा भी की जाएगी। अगर कंपनियां नियमों का पालन नहीं करतीं, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
आगे की उम्मीद
इस बैठक के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि कैब सेवाओं में पारदर्शिता आएगी, ग्राहकों को समय पर बेहतर सुविधा मिलेगी और ड्राइवरों की समस्याओं का भी समाधान होगा।





