विवेक झा, भोपाल, 7 अक्टूबर । कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने नियोक्ताओं को एक अहम निर्देश जारी किया है, जिसके तहत अब हर पंजीकृत प्रतिष्ठान को फॉर्म 5ए से संबंधित आवश्यक जानकारी अपने प्रवेश द्वार, वेबसाइट या मोबाइल एप्लीकेशन पर प्रमुखता से प्रदर्शित करनी होगी। यह निर्देश कर्मचारी भविष्य निधि योजना, 1952 के पैरा 78(1) के अंतर्गत केंद्र सरकार (श्रम एवं रोजगार मंत्रालय, भारत सरकार) द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुरूप है।
इस निर्देश में कहा गया है कि प्रत्येक नियोक्ता को निम्नलिखित बिंदुओं का स्पष्ट रूप से उल्लेख करना आवश्यक है –
i. ईपीएफ कोड
ii. प्रतिष्ठान का पंजीकृत नाम
iii. कवरेज की तिथि
iv. शाखाओं की संख्या तथा प्राथमिक शाखा का पता
v. संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय का नाम
इन विवरणों को सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित करने का उद्देश्य पारदर्शिता बढ़ाना और कर्मचारियों को अपने प्रतिष्ठान के ईपीएफ कवरेज की सटीक जानकारी उपलब्ध कराना है।
15 दिनों में अनुपालन अनिवार्य
ईपीएफओ द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार, इन प्रावधानों का पालन आज की तिथि से 15 दिनों के भीतर किया जाना आवश्यक है। ऐसा न करने पर संबंधित प्रतिष्ठान के खिलाफ कर्मचारी भविष्य निधि एवं विविध उपबंध अधिनियम, 1952 तथा इसके अंतर्गत बनाए गए नियमों के तहत कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।
भोपाल क्षेत्रीय आयुक्त ने की अपील
भोपाल क्षेत्रीय कार्यालय के क्षेत्रीय आयुक्त श्री रौशन काश्यप ने बताया कि नियोक्ताओं को यह निर्देश उनके रजिस्टर्ड ईमेल एड्रेस पर भेजे जा रहे हैं। साथ ही उन्होंने मीडिया के माध्यम से भी अपील की है कि सभी नियोक्ता समय-सीमा के भीतर निर्देशों का पालन सुनिश्चित करें।
श्री काश्यप ने कहा, “कर्मचारी भविष्य निधि योजना का उद्देश्य हर कर्मचारी को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना है। नियोक्ताओं द्वारा इस दिशा में पारदर्शिता और तत्परता से कार्य किया जाना आवश्यक है, ताकि कर्मचारियों को अपने अधिकारों की जानकारी सुलभ हो सके।”
कर्मचारियों को भी मिलेगा लाभ
ईपीएफओ के इस कदम से न केवल पारदर्शिता बढ़ेगी बल्कि कर्मचारियों को भी अपने संगठन की ईपीएफ कवरेज, पंजीकरण तिथि और क्षेत्रीय कार्यालय की जानकारी तुरंत प्राप्त होगी। इससे ईपीएफ से जुड़ी शिकायतों और भ्रम की स्थिति में भी कमी आने की उम्मीद है।





