
यूपी में डैमेज कंट्रोल के लिए भाजपा ने कमर कस ली है। पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के प्रमुख ओमप्रकाश राजभर को दिल्ली बातचीत करने के लिए बुलाया है। आपको बता दें कि यूपी में यह पार्टी भाजपा की सहयोगी है। मगर कई मुद्दों पर सरकार से नाराज चल रहे राजभर ने सोमवार को कह दिया कि वह राज्यसभा चुनाव का बहिष्कार करेंगे।
गौरतलब है कि यूपी में लोकसभा उपचुनाव में गोरखपुर व फूलपुर को गंवाने के बाद भाजपा को अब सहयोगी दल भी आंख दिखाने लगे हैं। माना जा रहा है कि 23 मार्च को होने वाले राज्यसभा चुनाव में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के चार विधायक भाजपा के पक्ष में वोट नहीं करते हैं तो पार्टी को अपना नौवां प्रत्याशी जिताने के लिए मुश्किल का सामना करना पड़ सकता है।
यूपी में अपने संख्या बल के आधार पर भाजपा दस में से आठ सीट आसानी से जीत सकती है। उसने अपने बचे मत के साथ ही सहयोगी दल के साथ नौवां प्रत्याशी भी राज्यसभा में भेजने की योजना तैयार की है। अगर भाजपा के इस अभियान में राजभर की पार्टी ने दांव किया तो फिर राज्यसभा में इनका नौवां प्रत्याशी मुश्किल में पड़ सकता है। राजभर ने कहा कि मैं सरकार के खिलाफ नहीं हूं। संगठन में कुछ नीतियों पर उबाल है।
गाजीपुर के डीएम के तबादले को लेकर मंत्री पद से इस्तीफा देने की धमकी देने के साथ ही कई मौकों पर सरकार के प्रति नाराजगी जता चुके राजभर ने सोमवार को भाजपा पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि राज्यसभा में चुनाव का बहिष्कार करेंगे। अभी तक भाजपा की तरफ से किसी नेता ने बात नहीं की। गोरखपुर व फूलपुर उपचुनाव में भी किसी ने संपर्क नहीं किया। इसी का नतीजा है कि उपचुनाव हार गए। निकाय चुनाव में भी भाजपा ने धोखा दिया। जनता का विश्वास भाजपा खो चुकी है। यदि समय रहते नही चेते तो आने वाला समय भाजपा के लिए ठीक नहीं होगा।
राजभर ने आरोप लगाया कि यूपी सरकार सिर्फ मंदिरों पर ध्यान दे रही है। उन्होंने कहा कि जिन गरीबों ने उसे वोट दिया, उन पर सरकार तवज्जो नहीं दे रही है। राजभर ने यह भी आरोप लगाया कि सरकार की तरफ से दावे बहुत किए जाते हैं, लेकिन जमीन पर कुछ होता हुआ दिखाई नहीं दे रहा है।