
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राहुल गांधी द्वारा सार्वजनिक रूप से प्रधानमंत्री पद की महत्वाकांक्षा जाहिर करने के लिए बुधवार को उनकी कड़ी आलोचना करते हुए हैरानी जताई कि क्या देश कभी कांग्रेस अध्यक्ष जैसे ‘अपरिपक्व और नामदार’ नेता को इस पद पर स्वीकार करेगा। बांगरपेट में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने राहुल को एक ऐसा नामदार बताया जिन्हें गठबंधन के सहयोगियों पर ही भरोसा नहीं है और जो कांग्रेस के आंतरिक लोकतंत्र की जरा सी भी परवाह नहीं करते हैं। उनका अहंकार सातवें आसमान पर पहुंच गया है। यही वजह है कि वे एलान कर रहे हैं कि 2019 में वह प्रधानमंत्री बनेंगे। बता दें कि राहुल ने मंगलवार को कहा था कि अगर 2019 के आम चुनाव में उनकी पार्टी को सबसे ज्यादा सीटें मिलती हैं तो वे इस शीर्ष पद को स्वीकार करने के लिए तैयार हैं।
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कांग्रेस संस्कृति, संप्रदायवाद, जातिवाद, अपराध, भ्रष्टाचार और ठेका सिस्टम से मुक्ति चाहिए: मोदी
मोदी ने कहा कि मंगलवार को कर्नाटक और भारत की राजनीति एक घटना घटी। अचानक एक व्यक्ति सामने आए और उन्होंने खुद को पीएम बनने की घोषणा कर दी। उन्होंने उनका भी ख्याल नहीं किया जो पहले से ही इस कतार में खड़े हैं। उन्होंने गठबंधन के दूसरे सहयोगियों की भी चिंता नहीं की। कई नेता इस पद पर बैठने के लिए 40 साल से इंतजार कर रहे हैं, लेकिन राहुल ने अपना दावा पहले जता दिया। उन्होंने जनसभा में मौजूद लोगों से पूछा कि क्या यह कांग्रेस अध्यक्ष का अहंकार नहीं है?
राहुल को गठबंधन में यकीन नहीं
पीएम ने भाजपा विरोधी मोर्चा बनाए जाने की कोशिशों का जिक्र करते हुए कहा कि उन्हें सत्ता से हटाने के लिए बड़ी-बड़ी बैठकें हो रही हैं जिनमें एक से बढ़कर एक दिग्गज नेता शामिल हो रहे हैं, लेकिन उन्हें अंधेरे में रखते हुए राहुल ने अपनी महत्वाकांक्षा सार्वजनिक कर दी। क्या इससे यह पता नहीं चलता कि गठबंधन में उनका यकीन ही नहीं है?