
विधानसभा चुनाव से पहले ही मध्य प्रदेश बीजेपी में अंदरुनी खींचतान शुरू हो गई है. यह कलह मंत्रालय के स्तर से लेकर जिलास्तर पर भी जारी है. इस बीच राजधानी भोपाल में बीजेपी की कोर ग्रुप ने सोमवार को बैठक की. यह बैठक रात में बुलाई गई जिसमें सीएम शिवराज सिंह चौहान और ज्योतिरादित्य सिंधिया समेत पार्टी के कई बड़े नेता शामिल हुए. बैठक में इस बात पर सहमति जताई गई कि आपसी मतभेद पार्टी के भीतर की ठीक किए जाएंगे और वह बाहर नहीं आने दिया जाएगा.
दरअसल, केंद्र की तरफ से मिले संकेत के बाद सीएम शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, कैलाश विजवर्य़ीग, गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा, प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा, प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव, प्रदेश महामंत्री हितानंद , सह-संगठन महामंत्री शिवप्रकाश और केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर ने बैठक की. इस बैठक में पार्टी की स्थिति मजबूत करने को लेकर महत्वपूर्ण फैसले लिए गए. इन नेताओं ने यहह तय किया कि कार्य़कर्ताओं के अंदर अस्थिरता का भाव है जिसे दूर किया जाएगा. इसके अलावा अगर कोई अनुशासनहीनता करता हुआ पाया गया तो उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.
हारी हुई सीटों पर बीजेपी की नजर
पार्टी की नजर 2018 में हारी हुई सीटों पर भी है. वहां बीजेपी किस वजह से कमजोर हुई है, उस पर ध्यान दिया जाएगा. बीजेपी इसके लिए जनसंपर्क अभियान चलाएगी और केंद्र और मध्य प्रदेश सरकार की योजनाओं के बारे में जनता को बताया जाएगा. बताया जा रहा है कि इस बैठक में बीजेपी ने केवल अपनी रणनीतियों पर ही चर्चा नहीं की बल्कि विरोधी पार्टी कांग्रेस की दिल्ली में हुई रणनीतिक बैठक को लेकर भी चर्चा की. सूत्र बताते हैं कि बीजेपी अब नई संसद भवन के उद्घाटन कार्यक्रम के विरोधी पार्टियों द्वारा किए गए बहिष्कार को राष्ट्रविरोध के रूप में प्रचारित कर सकती है.