एसपीएस अफसर चाहते हैं आईपीएस के खाली पदों पर हो उनकी तैनाती

 

वन टाइटम एग्जेम्पशन देने की उठ रही मांग, वरिष्ठ अधिकारियों को यह पद मिला

भोपाल 3 जून

आईपीएस अवार्ड होने में प्रदेश के राज्य पुलिस सेवा (एसएसपीएस) के अधिकारियों के देशों के अन्य प्रांतों से पिछड़ने के बाद अब यह मांग तेजी से बढ़ रही है कि उन्हें आईपीएस वाले पदों पर फिर से जारी करें। प्रदेश में आईपीएस अधिकारियों के तीन भरे हुए पद खाली पड़े हैं। इन नियुक्तियों पर एसपीएस के वरिष्ठ अधिकारी वन टाईम एग्जिम्पशन के तहत पदस्थापना चाहते हैं। इस संबंध में एक मांग पत्र राज्य पुलिस सेवा संगठन ने तैयार किया है, जो सभी प्रमुख लोगों को दिया जाने वाला है। इस मांग पत्र में यह मांग की जाएगी कि वन टाईम एग्जिम्पशन राज्य पुलिस सेवा के अधिकारियों को दिया जाए, ताकि आईपीएस कोडर में सभी पदों को दाखिल किया जा सके।

ये चाहते हैं एसपीएस अधिकारी

प्रदेश में आईपीएस का कोडर 319 अधिकारियों का है। इनमें से 222 डायरेक्टर आईपीएस के हैं, जबकि 97 पोस्ट स्टेट पुलिस सर्विस से आईपीएस अवार्ड होने वाले अधिकारियों के हैं। कुल पदों में से 69 पद केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के लिए आरक्षित हैं, इसी तरह राज्य के अन्य जुड़ाव में प्रतिनियुक्ति के लिए 43 पद आरक्षित हैं। इसमें लगभग 38 खाली पद हैं। ऐसे में जो खाली पद हैं उन पर एसपीएस के सबसे वरिष्ठ अधिकारियों को पदस्थ कर दिया जाएगा। इसके बाद जैसे-जैसे अधिसूचना होते हैं उनकी वैकेंसी के अनुसार सूचना के लिए बने। संगठन का मानना ​​है कि इससे आईपीएस का कोडर भी लम्बे समय के लिए इनकमिंग हो जाएगा। इसमें यह भी फायदा होगा कि बिना आईपीएस बने अधिकारियों को पद मिल जाएंगे, इसमें वे अधिकारी भी समायोजित हो जाएंगे जो उम्र के बंधन के कारण अब आईपीएस नहीं बन सकते हैं।

केंद्र की अनुमति के बिना संभव नहीं है

बताया जाता है कि यह जो मांग है वह प्रदेश सरकार के लिए टेढी खीर साबित हो सकती है। आईपीएस अधिकारियों के खाली पदों पर राज्य पुलिस सेवा के अधिकारियों को नियुक्त करने की अनुमति दी जाएगी। इसके लिए राज्य से प्रस्ताव भेजा जाए तब जाकर इस पर केंद्र विचार कर सकता है। वह भी तय करेगा कि ऐसा करना भी या नहीं।

25 साल की नौकरी और अब तक एएसपी

राज्य पुलिस सेवा के अधिकारियों को आईपीएस बनने के लिए अब लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। प्रदेश में स्थिति यह हो गई है कि वर्ष 1997 में डीएसपी बने अधिकारी 25 साल की नौकरी के बाद भी अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बने हुए हैं। प्रदेश में वर्ष 2012 तक अधिकारियों के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बन चुके हैं।

 

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