इंदौर
प्राधिकरण ने 30 साल पहले रिंग रोड निर्माण के लिए चंदन नगर में स्कीम घोषित की थी. चंदन नगर से 100 फुट चौड़ा रिंग रोड़ बनना था, लेनिक वहां एक पूर्व पार्षद ने खुद के नाम से एक अवैध काॅलोनी काट दी. सालभर पहले प्राधिकरण ने चंदन नगर से स्कीम हटा दी.
प्राधिकरण भी इंदौर में कुछ इलाकों से स्कीम हटाएगा.
शहर मेें नगर निगम 100 से ज्यादा मोहल्लों और बस्तियों को मुक्त कर चुका है, लेकिन उन काॅलोनियों को वैध नहीं किया जा रहा है, जो इंदौर विकास प्राधिकरण (आईडीए) की स्कीम में शामिल हैै. अब उन काॅलोनियों से स्कीम हटाने की तैयारी प्राधिकरण ने की है. शहर में पंद्रह से ज्यादा इलाकों में आईडीए ने स्कीम तो घोषित की, लेकिन वर्षों तक कोई काम नहीं किया और न ही उसे स्कीम से मुक्त किया.
अब उन जगहों पर बगैर नक्शे के मकान बन चुके है और स्कीमों के मामले में कोर्ट में होने के कारण प्राधिकरण ने भी वहां विकास के काम नहीं किए. प्राधिकरण के लिए स्कीम में पूरी जमीनें लेना आसान नहीं है और वहां प्लाॅट भी विकसित नहीं हो सकते, इसलिए उन इलाकों से स्कीम हटाना ही बेहतर होगा.
चंदन नगर, बिजलपुर से हटा चुकी है स्कीम
प्राधिकरण ने 30 साल पहले रिंग रोड निर्माण के लिए चंदन नगर में स्कीम घोषित की थी. चंदन नगर से 100 फुट चौड़ा रिंग रोड़ बनना था, लेनिक वहां एक पूर्व पार्षद ने खुद के नाम से एक अवैध काॅलोनी काट दी. वहां रिंग रोड़ भी नहीं बन पाई.
सालभर पहले प्राधिकरण ने चंदन नगर से स्कीम हटा दी. इसके अलावा बिजलपुर की स्कीम-166 को भी स्कीम से प्राधिकरण हटा चुका है. इसकी घोषणा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने की थी. आईडीए अध्यक्ष जयपाल सिंह चावड़ा ने बताया कि जिन काॅलोनियों मेें 25 सालों से प्राधिकरण ने कोई काम नहीं किया या फिर सिर्फ दस प्रतिशत काम ही किया. उन्हेें स्कीम से हटाया जाएगा. इस तरह की काॅलोनियों के पुराने बोर्ड प्रस्ताव मंगाए है और अफसरों को भी स्कीम से मुक्त करने के निर्देश दिए है.