
महाकाल लोक में सप्तऋषि की प्रतिमाएं गिरने के बाद अब तक इस मामले में कोई जांच न होने और उज्जैन के मास्टर प्लान मे सिंहस्थ मेले के लिए आरक्षित भूमि पर एक मंत्री की भूमि को व्यवसायिक एवं आवासीय करने जैसी बात सामने आई है. इसको लेकर तराना के विधायक महेश परमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा है, जिसमें उनसे मिलने के लिए समय मांगा गया है.
तराना विधायक महेश परमार ने पत्र क्रमांक ए/255/तराना/2023 के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अवगत करवाया कि 11 अक्टूबर 2022 को मध्यप्रदेश के उज्जैन जिले में स्थित महाकालेश्वर मंदिर परिसर में महाकाल लोक का उद्घाटन किया था. इसमें स्थापित सप्तऋषियों की मूर्तियां विगत दिनों आए मामूली हवा के झोंकों से टूट गईं और मुख्य द्वार का एक हिस्सा गिर गया था.
जाहिर है कि महाकाल लोक का निर्माण लगभग 800 करोड़ रुपये की लागत से हुआ है. बताया जा रहा है कि इसमें बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है. यह बेहद निंदनीय और शर्मनाक घोटाला है, जिससे आमजन मानस की भी भावनाएं आहत हुई हैं. इस घोटाले के संबंध में, विधायक महेश परमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से व्यक्तिगत रूप से भेंटकर कुछ तथ्यात्मक जानकारी देने की बात कही है.
सिंहस्थ क्षेत्र में मंत्री की जमीन को कर दिया आवासीय…
उज्जैन में लगने वाले सिंहस्थ मेले के लिए आरक्षित भूमि में मध्यप्रदेश के एक मंत्री की भूमि भी सम्मिलित है, जिसको मास्टर प्लान में शामिल कर आवसीय और व्यवसायिक कर दी गई है. जबकि इस भूमि में सिंहस्थ के समय साधु-संतों के अखाड़े लगते हैं, जिसका सिंहस्थ में धार्मिक आयोजन के लिए उपयोग किया जाता रहा है.