मौसम में बदलाव, छाएंगे बादल, 12 जिलों में तेज हवा-बारिश का अलर्ट

मौसम में बदलाव, छाएंगे बादल, 12 जिलों में तेज हवा-बारिश का अलर्ट, बिजली गिरने चमकने की चेतावनी, फिर एक्टिव होंगे 3 सिस्टम, जानें पूर्वानुमान
पांच जुलाई को नए वेदर सिस्टम के एक्टिव होने से छह जुलाई को अंचल में अधिकांश स्थानों पर तेज बारिश होने की संभावना है। इंदौर में मंगलवार को बादल छाने के साथ हल्की बूंदाबांदी होने की संभावना है।

मध्य प्रदेश में आज मंगलवार से फिर बारिश का तेज दौर देखने को मिलेगा। एमपी मौसम विभाग की मानें तो बंगाल की खाड़ी में साइक्लोनिक सर्कुलेशन एक्टिव हो गया है और गुजरात और नॉर्थ वेस्ट यूपी के ऊपर भी सिस्टम एक्टिव है, जिसके प्रभाव के चलते इस हफ्ते अच्छी बारिश होने का अनुमान है। आज मंगलवार को भोपाल, इंदौर, उज्जैन, सागर संभाग के जिलों में कहीं-कहीं वर्षा होने की संभावना है। वही दो दिन बाद 6 जुलाई से प्रदेश में फिर वर्षा का अगला दौर शुरू होने के संकेत है।

इन जिलों में बिजली-बारिश का अलर्ट
एमपी मौसम विभाग के अनुसार, आज मंगलवार को विदिशा, राजगढ़ और आगर-मालवा में अति भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है, वही भोपाल, देवास, शाजापुर, अशोकनगर और शिवपुरी में भारी बारिश होने की संभावना जताई है।इसके अलावा बैतूल, छिंदवाड़ा, शहडोल, डिंडोरी, अनुपपुर/अमरकंटक, उत्तरी मंडला, सिवनी, दक्षिण उमरिया और श्योपुर कलां जिलों, छतरपुर के उत्तरी हिस्सों, पन्ना, सतना/चित्रकूट में दोपहर के समय बिजली चमकने के साथ हल्की बारिश होने की संभावना है।

ग्वालियर-चंबल में 6 जुलाई से बारिश
एमपी मौसम विभाग की मानें तो 6 या 7 जुलाई से भोपाल समेत के ज्यादातर हिस्से में तेज बारिश का दौर देखने को मिल सकता है। ग्वालियर में आज-कल हल्की से मध्यम बारिश का अनुमान है, लेकिन पांच जुलाई को नए वेदर सिस्टम के एक्टिव होने से छह जुलाई को अंचल में अधिकांश स्थानों पर तेज बारिश होने की संभावना है। इंदौर में मंगलवार को बादल छाने के साथ हल्की बूंदाबांदी होने की संभावना है।वही नया सिस्टम मजबूत हुआ तो जबलपुर सहित संभाग के जिलों में तेज बारिश हो सकती है, वरना हल्की बौछारें या बूंदाबांदी का दौर देखने को मिलेगा।

4 वेदर सिस्टम एक्टिव
एमपी मौसम विभाग की मानें तो वर्तमान में एक साथ 4 वेदर सिस्टम एक्टिव है, लेकिन इसका प्रदेश पर कोई विशेष प्रभाव देखने को नहीं मिल रहा है। वर्तमान में उत्तर-पश्चिमी उत्तर प्रदेश, मध्य उत्तर प्रदेश, दक्षिण बंगाल की खाड़ी और उत्तरी अरब सागर में चक्रवात मौजूद हैं, लेकिन मानसून की अक्षीय रेखा ग्वालियर से विपरीत दिशा में होने से सिस्टम तैयार करने के लिए पर्याप्त नमी नहीं मिल रही है। वही मानसून द्रोणिका बीकानेर, दोसा, ग्वालियर, सीधी, अंबिकापुर, बालेश्वर से होते हुए बंगाल की खाड़ी तक बनी हुई है, लेकिन इसका प्रदेश पर कोई असर नहीं हो रहा है।

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