राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू करा मध्य प्रदेश को देश का अग्रणी राज्य बनाया, रामायण- गीता पर भी दिया जोर

मध्य प्रदेश में नए मुख्यमंत्री के लिए चुने गए डॅा.मोहन यादव ने शिवराज सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री रहते प्रदेश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को लागू करवाया। ऐसा करने वाला मध्य प्रदेश देश का पहला राज्य बना। उन्होंने सत्र 2021-22 से प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में स्नातक (यूजी) स्तर के पाठ्यक्रमों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति का क्रियान्वयन कराया।

 मध्य प्रदेश में नए मुख्यमंत्री के लिए चुने गए डॅा.मोहन यादव ने शिवराज सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री रहते प्रदेश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को लागू करवाया। ऐसा करने वाला मध्य प्रदेश देश का पहला राज्य बना। उन्होंने सत्र 2021-22 से प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में स्नातक (यूजी) स्तर के पाठ्यक्रमों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति का क्रियान्वयन कराया। इसके लिए 23 सदस्यीय टास्क फोर्स समिति का गठन किया।

यूजीसी ने भी प्रदेश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत बनाए गए यूजी के पाठ्यक्रमों को सराहा था। इसकी पढ़ाई के लिए अलग से तीनों साल की किताबें और ई-कटेंट तैयार करावाए। डॅा.यादव ने युवाओं को कौशल आधारित शिक्षा और रोजगार का लक्ष्य बनाकर भी काम किया।

तीनों साल के पाठ्यक्रम में रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रमों को जोड़ा। उन्होंने यूजी प्रथम वर्ष से इंटर्नशिप, अप्रेंटिसशिप, फिल्ड प्रोजेक्ट और सामुदायिक सहभागिता वाले पाठ्यक्रम को शुरू करवाया। माना जाता है कि उनके कार्यकाल में उच्च शिक्षा विभाग के प्रयासों से सत्र 2020-21 में सकल नामांकन अनुपात 27.1 दर्ज कर मध्य प्रदेश ने लंबी छलांग भी लगाई थी।

पर्यावरण अध्ययन व योग पाठ्यक्रम को किया अनिवार्य

डॅा.मोहन ने यूजी के बेसिक कोर्स में हिंदी व अंग्रेजी भाषा के साथ पर्यावरण अध्ययन व योग एवं ध्यान पाठ्यक्रम को अनिवार्य किया। स्टार्टअप और उद्यमिता, व्यक्तित्व विकास एवं चरित्र निर्माण और महिला सशक्तीकरण पाठ्यक्रम को भी जोड़ा गया।

वैकल्पिक विषय के रूप में रामायण व गीता शामिल

भारतीय ज्ञान परंपरा का समावेश करते हुए रामायण व गीता को वैकल्पिक विषय के रूप में पाठ्यक्रम में शामिल कराया। कृषि संबंधी पाठ्यक्रम को प्रोत्साहन देने के लिए महाविद्यालय स्तर पर जैविक खेती, बागवानी जैसे पाठ्यक्रम शुरू किए। रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर और विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन में यूजी में कृषि पाठ्यक्रम की पढ़ाई शुरू कराई।

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