2G स्पैक्ट्रम: जज ने एक लाइन में सुना दिया फैसला, राजा-कनिमोझी समेत सभी आरोपी बरी

नई दिल्ली। 2जी स्पेक्ट्रम घोटाला मामले की सुनवाई कर रही एक विशेष अदालत ने पूर्व दूरसंचार मंत्री ए. राजा और द्रमुक नेता कनीमोई दोनों को आज इस मामले में बरी कर दिया। अदालत ने इस मामले में अन्य 15 आरोपियों और तीन कंपनियों को भी बरी कर दिया है। सीबीआई के विशेष न्यायाधीश ओ.पी. सैनी ने 2जी घोटाला मामले में आज फैसला सुनाया। इस फैसले ने पूर्ववर्ती संप्रग सरकार को बहुत परेशान किया था।

क्या कहा कोर्ट ने ?

कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि सरकारी वकील आरोप साबित नहीं कर पाए। जज ओ.पी. सैनी ने कहा कि अभियोजन पक्ष यह साबित करने में नाकाम रहा है कि दो पक्षों के बीच पैसे का लेन देन हुआ है। सभी आरोपी मुख्य रूप से स्वयं अदालत में पेश हुए थे। कोर्ट परिसर में राजा और कनिमोझी के समर्थकों की भारी भीड़ के चलते कार्यवाही काफी देरी से शुरू हुई। भीड़ को देखते हुए जज आरोपियों के कोर्ट न पहुंच पाने के चलते कार्यवाही स्थगित कर दी, फिर जब दोबारा कार्यवाही शुरू हुई तो उन्होंने अपने एक लाइन के फैसला सुना दिया कि सरकारी वकील आरोप साबित करने में नाकाम रहे हैं।

मामले से बरी किए गए ये लोग
मामले में बरी किए गए अन्य लोग- दूरसंचार विभाग के पूर्व सचिव सिद्धार्थ बेहुरा, राजा के पूर्व निजी सचिव आर. के. चंदोलिया, स्वान टेलीकॉम के प्रोमोटर्स शाहिद उस्मान बलवा और विनोद गोयनका, यूनिटेक लिमिटेड के प्रबंध निदेशक संजय चन्द्रा और रिलायंस अनिल धीरूभाई अंबानी समूह (आरएडीएजी) के तीन शीर्ष कार्यकारी अधिकारी गौतम दोशी, सुरेन्द्र पिपारा और हरी नायर। कुसेगांव फ्रूट्स एंड वेजीटेबल्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक आसिफ बलवा और राजीव अग्रवाल, कलैग्नार टीवी के निदेशक शरद कुमार और बॉलीवुड फिल्म निर्माता करीम मोरानी।

इन कंपियों पर भी था आरोप
अदालत ने तीन कंपनियों- स्वान टेलीकॉम प्राइवेट लिमिटेड, रिलायंस टेलीकॉम लिमिटेड और यूनिटेक वायरलेस (तमिलनाडु) लिमिटेड को भी आरोपों से बरी कर दिया है।
Judge Saini must have taken into account what the Establishment is doing to ED Jr Director for prosecuting PC BC.

— Subramanian Swamy (@Swamy39) December 21, 2017

बता दें कि राजा और अन्य आरोपियों के खिलाफ अप्रैल 2011 में दायर अपने आरोपपत्र में सीबीआई ने आरोप लगाया था कि 2जी स्पेक्ट्रम के 122 लाइसेंसों के आवंटन के दौरान 30,984 करोड़ रुपए की राजस्व हानि हुई थी। नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट में 2 जी स्पेक्ट्रम घोटाले को 1,76,000 करोड़ रुपए का बताया गया था। हालांकि सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में करीब 31,000 करोड़ रुपए के घोटाले का उल्लेख किया था। उच्चतम न्यायालय ने दो फरवरी, 2012 को इन आवंटनों को रद्द कर दिया था। सुनवाई के दौरान सभी आरोपियों ने अपने खिलाफ लगे आरोपों से इनकार किया था।

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