
सेना कैंप के अंदर मौजूद आतंकियों को खदेड़ने के लिए ऑपरेशन तेज हो गया है।QRT की चार टीमों को आर्मी कैंप के अंदर भेजा गया है। उस घर को चारों ओर से घेर लिया गया है, जिसमें आतंकी छिपे बैठे हैं। इस बीच सुंजवान आर्मी कैंप पर हुए आतंकी हमले में तीन जवानों के घायल होने की जानकारी है। वहीं, एक जवान की बेटी भी हमले में घायल हो गई है। गृह मंत्रालय पूरी घटना पर नजर बनाए हुए है। इस बीच आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने हमले की जिम्मेदारी ली है।
सेना कैंप पर आतंकी हमला
जम्मू- कश्मीर में आतंकियों ने सेना के कैंप को निशाना बनाया है। हमले में एक तीन के घायल होने की खबर है। सेना कैंप पर आतंकी हमले की जानकारी मिलते ही पूरे इलाके में रेड अलर्ट जारी कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि कैंप के अंदर से गोलियां चलने की आवाज सुनी गई, जिसके बाद इलाके की घेराबंदी कर दी गई।
यह हमला सुंजवान आर्मी कैंप पर किया गया। आतंकियों ने सुबह 4:55 बजे अंधेरे का फायदा उठाते हुए सेना के कैंप पर फायरिंग शुरू कर दी। जानकारी के मुताबिक यह हमला कैंप के फैमिली क्वॉर्टर्स पर किया गया।
जम्मू के आइजीपी एसडी सिंह जमवाल ने बताया, ‘ सुबह करीब 4 बजकर 55 मिनट पर कैंप के भीतर संतरी ने संदिग्ध गतिविधियों को होते देखा। संतरी के बंकर से गोलियों की आवाजें आ रही थी, जिसके बाद जवाबी कार्रवाई की गई। फिलहाल कितने आतंकी है इसकी संख्या का पता नहीं चल सका है। आतंकी एक फैमिली क्वॉर्टर में भी घुस गए हैं। हमले में एक हवलदार और उसकी बेटी घायल हो गए हैं। ऑपरेशन अब भी जारी है।’
फिदायीन हमले की आशंका
माना जा रहा है कि यह फिदायीन हमला हो सकता है, लेकिन अभी तक इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने इस हमले को अंजाम दिया है। अभी तक आतंकियों की संख्या का पता नहीं चल सका है, लेकिन अनुमान लगाया जा रहा है कि 3-4 आतंकी अंदर घुसे हो सकते हैं।
पूरे शहर में हाई अलर्ट जारी, हेलीकॉप्टर से हो रही निगरानी
बता दें कि सुंजवान आर्मी कैंप में सेना के जवानों के हजारों क्वॉटर्स हैं। इसमें करीब तीन हजार जवान रहते हैं। यह जम्मू शहर में ही है। बताया जा रहा है कि कैंप के पीछे की दीवार से कूदकर आतंकी अंदर दाखिल हुए। आतंकियों ने गार्ड्स के बंकर पर सबसे पहले फायरिंग शुरू की। आतंकी अभी भी कैंप के अंदर मौजूद हैं। रुक-रुककर अंदर से फायरिंग की आवाजें आ रही हैं। हमले में एक जवान की बेटी भी घायल हो गई है। वहीं, सेना शिविर के 500 मीटर के आसपास के सभी स्कूलों को जिला प्रशासन द्वारा बंद रहने निर्देश दिए गए हैं। बता दें कि साल 2006 में भी आतंकवादियों ने इसी सेना के स्टेशन पर हमला किया था। उस हमले में 12 जवान शहीद हो गए थे और सात अन्य घायल हो गए थे। वहीं दो आत्मघाती आतंकी भी माए गए थे।
हमले पर गृह मंत्रालय की नजर
हमले पर गृहमंत्रालय नजर बनाए हुए हैं। सुरक्षा एजेंसियां गृह मंत्रालय के संपर्क में है। खुफियां एजेंसियों ने हमले ही आतंकी हमले को लेकर अलर्ट जारी कर रखा था।
9-11 फरवरी तक जारी था रेड अलर्ट
गौरतलब है कि संसद आतंकी हमले के आरोपी अफलज गुरू की 9 फरवरी को बरसी थी। वहीं 11 फरवरी को जेकेएलएफ के आतंकी मकबूल बट्ट की बरसी भी है। इसी के कारण पहले से ही 9 से 11 फरवरी तक के बीच रेड अलर्ट जारी किया गया था।
बता दें कि पाकिस्तान की ओर से लगातार आजकल सीमा पर उकसाने वाली कार्रवाई की जा रही है। सीमा पार से सीजफायर का उल्लंघन किया जा रहा है। जिसके चलते पूरे देश में पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग जोर पकड़ रही है।