
मस्कट। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विदेशी धरती से एक बार फिर कांग्रेस पर निशाना साधा है। रविवार को ओमान की राजधानी मस्कट में प्रवासी भारतीयों को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि पिछली सरकार के समय एक के बाद एक घोटालों से भारत की छवि खराब हो रही थी। कुशासन का तौर-तरीका बदलने के लिए उनकी सरकार को बहुत कठिन परिश्रम करना पड़ा है।
प्रधानमंत्री मोदी रविवार शाम को दो दिवसीय यात्रा पर मस्कट पहुंचे। सुल्तान कबूस स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकारें आती-जाती हैं। महत्वपूर्ण ये है कि सरकार किस तरह का प्रशासन दे रही है? योजनाएं कितनी जल्दी पूरी हो रही हैं?
पीएम ने इस बार बजट में पेश स्वास्थ्य बीमा योजना का जिक्र करते हुए कहा कि मीडिया ने इसे मोदी केयर का नाम दिया है। 90 पैसे और एक रुपये में गरीबों का बीमा कराया गया है। मैं चायवाला हूं। जानता हूं कि 90 पैसे में तो चाय भी नहीं आती। चार साल होने को आए और कोई नहीं पूछता कि मोदी कितना ले गया। लोग अब यह पूछते हैं कि कितना आया? पीएम ने अपने संबोधन की शुरुआत में कहा कि ओमान की धरती पर एक मिनी इंडिया देख रहा हूं। देश के अलग-अलग कोने से आए हुए भारतीय, अलग-अलग क्षेत्रों में काम करने वाले भारतीय एक भव्य तस्वीर का निर्माण कर रहे हैं।
मोदी-मोदी के नारे लगे –
प्रधानमंत्री के संबोधन के दौरान वहां मौजूद प्रवासी भारतीय भारत माता की जय और मोदी-मोदी नारे लगाते रहे। भाषण शुरू करने से पहले मोदी ने गुजराती समेत कई भारतीय भाषाओं में लोगों का अभिवादन किया। उन्होंने कहा कि अगर वे सभी भारतीय बोलियों में नमस्ते करने लगें, तो घंटे निकल जाएंगे। ऐसी विविधता कहीं और नहीं मिलेगी।
खाड़ी देशों के साथ नया रिश्ता –
मोदी ने कहा कि तीन वर्षों से हम एक नीति बनाकर खाड़ी के देशों के साथ भारत के पुराने रिश्ते को आज के समय के मुताबिक एक नया जामा पहना रहे हैं। अनेक आयामों के साथ जोड़ रहे हैं। भारत की बढ़ती प्रगति और साख के साथ-साथ खाड़ी देशों की भारत में रुचि दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। ऊर्जा, व्यापार, प्रवासियों की उपस्थिति, निवेश हर क्षेत्र में खाड़ी देशों और भारत के संबंध और भी महत्वपूर्ण होते जा रहे हैं।
पांच हजार साल पहले भी गुजरात से आते थे कारोबारी –
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत और ओमान के बीच संबंध सैकड़ों हजारों वर्ष पुराने हैं। पांच हजार साल पहले भी गुजरात के लोथल बंदरगाह से लकड़ी के जहाज ओमान तक आते थे। लौटते समय ये जहाज लोथल से भी आगे श्रीलंका तक जाते थे। हजारों साल में व्यवस्था बदल गई। भारत में गुलामी का समय आया। लेकिन, हमारे पुराने संबंध वैसे ही बने रहे।