
पटना: प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले हफ़्ते लोकसभा में बजट भाषण पर बोलते हुए पूर्व प्रधान मंत्री जवाहर लाल नेहरु को देश के विभाजन के लिए ज़िम्मेदार माना था. इस मुद्दे पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने साफ़-साफ़ कहा है कि लोगों की अलग अलग राय हैं लेकिन उनके मुताबिक वो चाहे नेहरू हों या सरदार पटेल जिन्होंने बापू के नेतृत्व में लड़ा उनके योगदान को एतिहासिक हैं और उसे कोई मिटा नहीं कर सकता है.
नीतीश ने इस सम्बन्ध में पूछे जाने पर कि क्या वो मानते हैं कि पंडित नेहरु का कोई योगदान नहीं रहा और वो देश के विभाजन के लिए ज़िम्मेदार हैं जैसा कि प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है तब उनका कहना था कि ‘ ये क्या सवाल है सबके अपने-अपने विचार हैं. हम लोग मानकर चलते हैं कि जितने लोगों ने महात्मा गांधी के नेतृत्व में भाग लिया, उनके अलावा चंद्रा शेखर आज़ाद और सुभाष चंद्र बोस ने अपने ढंग से आज़ादी की लड़ाई लड़ी, उन सभी का योगदान है. लेकिन मुख्य रूप से जनता के हिस्सेदारी से आज़ादी की लड़ाई अहिंसक तरीके से सत्याग्रह के ज़रिये लड़ी गई. बापू के नेतृत्व में जितने लोग थे उन सबका योगदान है.
लेकिन नीतीश ने कहा कि लेकिन ये एक विचार है. देश का बंटवारा गांधी जी नहीं चाहते थे. आज़ादी के कार्यक्रम में गांधी जी दिल्ली में नहीं थे. गांधी जी कही और थे जहां सांप्रदायिक तनाव था और लोहिया जी भी वहीं थे. इस तरह अलग-अलग भूमिका रही है और उसके बारे में एक विचार है. सबके अपने-अपने विचार हैं