
नई दिल्ली। भारतीय हॉकी टीम की इस साल सबसे बड़ी परीक्षा होनी है। उसे इस साल पांच बड़े टूर्नामेंट में हिस्सा लेना है। टीम के खिलाड़ियों के कंधों पर अजलन शाह, राष्ट्रमंडल खेलों, एशियाई खेलों, एशिया कप और विश्व कप में अच्छा प्रदर्शन करने की जिम्मेदारी है। टीम के कप्तान और गोलकीपर पीआर श्रीजेश मानते हैं कि युवाओं के आने से टीम में बड़ा अंतर पैदा हुआ है और टीम के प्रदर्शन में सुधार हुआ है।
इस साल पांच बड़े टूर्नामेंट में टीम की तैयारियों पर श्रीजेश ने कहा कि यह बेहद अहम साल है। तीन से 10 मार्च तक 27वां सुल्तान अजलन शाह कप, फिर चार अप्रैल से राष्ट्रमंडल, अगस्त में एशियाई खेलों जैसे बड़े टूर्नामेंट में भाग लेना है। इन टूर्नामेंट में बेहतर प्रदर्शन करने के लिए टीम तैयार है। पिछले साल टीम एशियाई चैंपियन बनी।
हाल ही में चार देशों के न्यूजीलैंड में हुए टूर्नामेंट में भी टीम निखरती दिखाई दी। सही मायनों में युवाओं के टीम में आने से पैदा हुआ है। श्रीजेश ने साफ कहा कि अगर भारत को उपलब्धियां हासिल करनी है तो युवाओं को अच्छा प्रदर्शन करना होगा। युवाओं को बड़े स्तर पर खेलकर अनुभव मिल रहा है। दिलप्रीत और सागर जैसे खिलाड़ी उन्हीं में से एक हैं।
श्रीजेश ने कहा कि अजलन शाह के लिए टीम तैयार है। अब यह चयनकर्ताओं के ऊपर है कि वह इस टूर्नामेंट युवा टीम को मौका देते हैं या फिर अनुभवी टीम को उतारते हैं। पिछले साल के प्रदर्शन पर श्रीजेश ने कहा कि टीम ने काफी अच्छा प्रदर्शन किया है। एशिया कप चैंपियन बनने के साथ ही हॉकी विश्व लीग सेमीफाइनल्स में टीम का प्रदर्शन अच्छा रहा है। ऐसे में टीम सुधार कर रही है।
हॉकी इंडिया लीग की तारीफ करते हुए भारतीय कप्तान ने कहा कि आप देखेंगे तो एचआइएल की शुरुआत के बाद से युवाओं को एक बड़ा प्लेटफॉर्म मिल रहा है।
टीम के घटते-बढ़ते प्रदर्शन पर भारतीय गोलकीपर श्रीजेश ने कहा कि ऐसा नहीं है जब भारत बड़ी टीम से भिड़ता है, तो चुनौती मिलती है। टीम अब उस पर ही काम कर रही है। टीम ने हाल ही में कई बड़ी टीम को शिकस्त भी दी है।
पूर्व कोच रोलेंट ओल्टमेंस और शोर्ड मारिन की तुलना करते हुए श्रीजेश ने कहा कि मारिन को अभी चार ही महीने हुए हैं। तीन टूर्नामेंट उनके निर्देशन में टीम ने खेले। ऐसे में वह बस खिलाड़ियों को निखार रहे हैं। खास बात यह है कि वह हर खिलाड़ी को महत्व देते हैं।
खेलों इंडिया जैसे खेल आयोजन पर उन्होंने कहा कि युवाओं को जोड़कर टीम बनाकर खिलाने से कुछ नहीं होगा। शुरुआती स्तर पर सुविधाएं देकर उन्हें परिपक्व बनाना होगा। तभी हॉकी सहित अन्य खेलों में अच्छे खिलाड़ी मिलेंगे। चोट के बाद खुद की वापसी पर श्रीजेश आत्मविश्वास से भरे हैं। उनका साफ कहना है कि जैसा उनका पिछला प्रदर्शन रहा है उसे ही आगे बढ़ाना चाहते हैं।