आरक्षक भर्ती 2012 घोटाला : पांच आरोपी दोषी करार, सजा का फैसला आज

भोपाल। आरक्षक भर्ती 2012 घोटाले मामले में व्यापमं मामलों की विशेष अदालत ने पांच आरोपियों को दोषी करार दिया है। सोमवार को विशेष न्यायाधीश एससी उपाध्याय ने यह निर्णय सुनाते हुए सभी आरोपियों की सजा का निर्णय मंगलवार तक सुरक्षित रख लिया है।

सीबीआई के वकील सतीश दिनकर के अनुसार एसटीएफ को गुमनाम शिकायत मिली थी कि पुसिस विभाग में कार्यरत आरक्षक नरोत्तम यादव ने फर्जी तरीके से परीक्षा पास कर नौकरी पाई है। शिकायत में कहा गया था कि नरोत्तम के स्थान पर रीवा स्थित जवाहरलाल नेहरू कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी परीक्षा केंद्र पर कोई अन्य व्यक्ति ने परीक्षा दी है।

शिकायत के आधार पर एसटीएफ ने मामले की जांच कर मूल परीक्षार्थी नरोत्तम यादव , उसके पिता भगवान सिंह और बिचौलिए प्रभात मेहता को गिरफ्तार कर मप्र मान्यता प्राप्त परीक्षा अधिनियम, धोखाधड़ी, जालसाजी, फर्जीवाड़े और षडयंत्र के अपराध में प्रकरण दर्ज किया था। एसटीएफ ने तीनों आरोपियों के खिलाफ अदालत में चालान पेश कर दिया था किन्तु बाद में व्यापमं मामले की जांच सीबीआई को प्राप्त हो गई।

जिसमें सीबीआई ने इस मामले में फर्जी परीक्षार्थी ऋषभ अग्रवाल और बिचौलिए प्रभात मेहता को भी आरोपी बनाकर मामले का पूरक चालान पेश किया था। पूछताछ में आरोपियों ने कबूला था कि उनके बीच इस काम के लिए मोटी रकम का लेन-देन हुआ था।

मामले में सीबीआई ने कुल 29 गवाहों की सूची पेश की थी जिनमें पहले गवाह के बयान 13 सितंबर 2017 को दर्ज किए गए। अदालत ने पूरे मामले की सुनवाई 5 महीने में पूरी कर आरोपियों को दोषी माना है एवं आज अदालत आरोपियों को उनके अपराध के लिए सजा का फैसला सुनाएगी।

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