
ढाका। चीन के साथ बांग्लादेश के बढ़ रहे संबंधों से भारत को चिंतित होने की आवश्यकता नहीं है। चीन के साथ बांग्लादेश का सहयोग सिर्फ विकास कार्यों को बढ़ावा देने के लिए है, बाकी इसका कोई मतलब नहीं है। यह बात बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने भारतीय पत्रकारों के दल से कही है।
शेख हसीना ने कहा, उनकी सरकार को सिर्फ बांग्लादेश के विकास की चिंता है। इसके लिए वह किसी भी देश के साथ समझौता कर सकती है। संयुक्त राष्ट्र के मानदंडों के अनुसार बांग्लादेश दुनिया का सबसे कम विकसित देश है। यह मानदंड देश के आर्थिक और जनसंख्या आकार के दृष्टिगत है। देश इस दशा को सन 2024 तक छोड़ना चाहता है। इसलिए बांग्लादेश किसी भी देश से होने वाले पूंजी निवेश और सहयोग का स्वागत करता है।
उन्होंने कहा कि ”हम उन्हें विकास में सहयोगी के तौर पर देखते हैं। बांग्लादेश में भारत, चीन, जापान और पश्चिम एशिया के देश निवेश कर रहे हैं। हम सभी का स्वागत कर रहे हैं। इसमें भारत को चिंतित होने की जरूरत नहीं है।”
शेख हसीना ने कहा, वह भारत को सलाह देंगी कि वह क्षेत्र के सभी देशों के साथ अच्छे संबंध रखे ताकि पूरे इलाके का विकास हो सके और दुनिया में हमारे साथ होने का संदेश जाए। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश और भारत का बहुत खास रिश्ता है। दोनों देशों ने बातचीत के जरिये जमीनी सीमा और समुद्री सीमा विवाद हल किए हैं, जो पूरी दुनिया के लिए उदाहरण हैं।
उल्लेखनीय है कि चीन बांग्लादेश को कम ब्याज दर पर नौ अरब डॉलर (58 हजार करोड़ रुपये) का ऋण देने की योजना बना रहा है जिससे वहां की छह रेल परियोजनाओं का विकास किया जा सके। साथ ही बांग्लादेश के साथ सैन्य संबंध विकसित करने की भी इच्छा जता रहा है।