
देश भर में 87 करोड़ बैंक खातों और 85 करोड़ से ज्यादा मोबाइल नंबर को आधार से जोड़ा जा चुका है। आधार योजना की प्रबंधन एजेंसी यूआईडीएआई के एक अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी। देश भर में 80 प्रतिशत बैंक खातों और 60 प्रतिशत मोबाइल नंबर को आधार से जोड़ा जा चुका है। अधिकारी ने कहा कि आधार समयसीमा खत्म होने के एक माह पहले 109.9 करोड़ खातों में से लगभग 87 करोड़ को आधार से जोड़ दिया गया है। इनमें से 58 करोड़ बैंक खातों का सत्यापन भी हो चुका है। बाकी में बैंक में दाखिल दस्तावेजों के साथ सत्यापन प्रक्रिया जारी है। सरकार ने इस काम के लिए 31 मार्च 2018 तक का समय रखा है।
पैन कार्ड और मोबाइल सिम भी शामिल : अधिकारी ने कहा कि 142.9 करोड़ सक्रिय मोबाइल कनेक्शनों में से 85.7 करोड़ को पहले ही आधार से जोड़ा जा चुका है। ताकि मोबाइल फोनधारकों की पहचान सुनिश्चित हो और धोखाधड़ी को रोका जा सके। केंद्र सरकार ने काले धन पर लगाम लगाने के उद्देश्य से पैन संख्या को भी आधार से जोड़ना अनिवार्य किया है।
यूआईडीएआई के सीईओ अजय भूषण पांडे ने बताया कि 120 करोड़ से अधिक नागरिकों को आधार आईजी जारी हो चुकी है। उन्होंने उम्मीद जताई कि 31 मार्च तक सौ फीसदी आधार सत्यापन पूरा हो जाएगा। ज्यादातर सरकारी और गैर-सरकारी संस्थाएं आधार को निवास पहचान पत्र के रूप मांगती हैं।
उद्योग संगठन एसोचैम ने केंद्र सरकार से मांग की है कि बैंक खातों को आधार से जोड़ने की समय-सीमा मौजूदा 31 मार्च से आगे बढ़ाई जाए क्योंकि कई फर्जीवाड़ों के मद्देनजर इस समय बैंकों के कर्मचारी उनसे निपटने के लिए अपनी प्रक्रिया को पुख्ता करने में व्यस्त हैं। एसोचैम ने कहा कि ग्राहकों पर बैंकों से ही नहीं भुगतान सेवा कंपनियों से भी दबाव बनाया जा रहा है जिससे काफी उथल-पुथल की स्थिति पैदा हो सकती है।
यूआईडीएआई ने हाल ही में हर आधार कार्ड धारक को वचरुअल आईडी देने करने की योजना पेश की है। इससे आपको जब भी अपने आधार की जानकारी कहीं देने की जरूरत पड़ेगी, तो आपको 12 अंकों के आधार नंबर की बजाय 16 नंबर की वचरुअल आईडी देनी होगी।