आज होगी बैठक चीन से आयात घटाने पर सरकार देगी जोर

भारत और चीन के वाणिज्य मंत्री और अधिकारी सोमवार को ज्वाइंट इकोनॉमिक ग्रुप (जेईजी) बैठक के तहत द्विपक्षीय वाणिज्यिक मुद्दों पर बात करेंगे। चीन और संयुक्त राज्य अमेरिका (यूएसए) के बीच आयात शुल्क पर रार को देखते हुए यह बैठक और ज्यादा महत्वपूर्ण हो गई है। दूसरी तरफ, चीन के साथ भारत के बढ़े व्यापार असंतुलन को वापस पटरी पर लाने की दिशा में भी दोनों देशों के वाणिज्य मंत्रियों की बातचीत कारगर साबित होगी।

एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि भारत ने चीन को फार्मास्युटिकल्स, कृषि उत्पाद व सूचना प्रौद्योगिकी सेवाओं के निर्यात को समुचित मदद देने का आग्रह किया है। अधिकारी के मुताबिक वाणिज्य मंत्री सुरेश प्रभु और चीन में उनके समकक्ष झोंग शान के बीच वार्तालाप के दौरान भारत-चीन के आयात-निर्यात की बढ़ती खाई को संतुलित स्तर पर लाने के बारे में चर्चा होगी।

चीन के साथ भारत का व्यापार घाटा चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-अक्टूबर अवधि के दौरान 3,673 करोड़ डॉलर (करीब 2.39 लाख करोड़ रुपये) रहा। भारत के बेहद तेजी से उभर रहे टेलीकॉम और बिजली सेक्टर में चीन के सामानों का आयात इस व्यापार घाटे की एक बड़ी वजह रहा है।

प्रभु ने हाल ही में कहा था कि भारत चीन के साथ अपना व्यापार घाटा कम करने के तरीकों पर बातचीत करने को उत्सुक है। गौरतलब है कि जेईसी का गठन वर्ष 1988 में भारत के तत्कालीन प्रधान मंत्री राजीव गांधी की बीजिंग यात्र के बाद हुआ था। पिछले वित्त वर्ष (2016-17) में चीन के साथ भारत का कारोबारी घाटा उससे पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले मामूली घटकर 5,269 करोड़ डॉलर (3.40 लाख करोड़ रुपये से थोड़ा ऊपर) रहा।

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