भाजपा में हुआ बड़ा फेरबदल, ये दिग्गज नेता बना भाजपा का नया अध्यक्ष

भोपाल. आखिरकार वही हुआ, जिसकी उम्मीद की जा रही थी। केंद्रीय नेतृत्व के नाम को दरकिनार कर अपने नाम पर मुहर लगवाने में माहिर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री ने फिर से दांव मारा है। उसी दांव का असर है कि मध्यप्रदेश भाजपा का नया अध्यक्ष राकेश सिंह को बनाया गया है।

राकेश सिंह जबलपुर से सांसद हैं और लोकसभा के भीतर भाजपा के मुख्य सचेतक भी हैं। इन्हें शिवराज के साथ—साथ भाजपा के अध्यक्ष की पसंद भी माना जा रहा है।

दरअसल, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के लिए सबसे प्रमुख दावेदार के तौर पर प्रदेश सरकार के मंत्री नरोत्तम मिश्रा का नाम सबसे आगे था। कोर कमेटी की बैठक में राष्ट्रीय महामंत्री रामलाल ने भी इसे जाहिर कर दिया। लेकिन मुख्यमंत्री पहले दिन से ही इसके लिए तैयार नहीं थे और यही वजह थी कि उन्होंने नरोत्तम का खुलकर विरोध शुरू कर दिया।

कोर कमेटी की बैठक में उन्होंने अपने विरोध को प्रभावी बनाने के लिए नरेंद्र सिंह तोमर को भी शामिल कर लिया। ऐसे में जब सहमति नहीं बन सकी तो फिर अचानक से नए नामों पर चर्चा शुरू हुई। मुख्यमंत्री ने शुरुआत में जो नाम सुझाए थे, केंद्रीय नेतृत्व ने सभी को नकार दिया।

आखिर में दांव चलते हुए मुख्यमंत्री ने कोर कमेटी में ही मौजूद राकेश सिंह का नाम रख दिया। राकेश सिंह के सामने उनके नाम का विरोध कोई भी करने के लिए तैयार ही नहीं हुआ।

रामलाल ने बैठक की पूरी बात केंद्रीय नेतृत्व तक पहुंचाई। बदली हुई परिस्थितियों से समझौता करते हुए केंद्रीय नेतृत्व ने भी राकेश सिंह के लिए मंजूरी दे दी। हालांकि रात को लिफाफा नहीं खोलने की बात कहकर रात की बैठक को खत्म कर दिया गया था। लेकिन असल खेल रात दस बजे कोर कमेटी की बैठक खत्म होने के बाद ही शुरु हुआ था।

सबके खास हैं राकेश सिंह
राकेश सिंह निर्गुट नेताओं में शुमार हैं। साफ छवि के साथ सौम्य व्यवहार के कारण वह सभी गुटों में अपनी जगह रखते हैं। पार्टी के मुख्य सचेतक हैं और यही वजह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पार्टी अध्यक्ष अमित शाह केंद्रीय संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार के करीबी हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का करीबी भी माना जाता है।

अंपायर को ही सौंप दी ओपनिंग
ऐसे में मुख्यमंत्री ने आखिरी दांव राकेश सिंह पर ही खेला। उन्हें मालूम था कि कोर कमेटी की बैठक में सामने उनका कोई विरोध करेगा नहीं। जबकि दूसरे दावेदार कोर कमेटी की बैठक में मौजूद ही नहीं थे। क्रिकेट के अंदाज में कहें तो यहां पर अंपायरिंग कर रहे राकेश सिंह को ही पार्टी ने ओपनिंग बैटिंग करने का जिम्मा सौंप दिया है।

केंद्रीय मंत्री के लिए भी चला था नाम
केंद्रीय नेतृत्व से करीबी के चलते ही राकेश सिंह का नाम केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने के लिए भी चला था। हालांकि आखिर में उन्हें मंत्री नहीं बनाया गया था। एक साल पहले भी उन्हें मध्यप्रदेश भाजपा का अध्यक्ष बनाने की बात हुई थी, उस समय भाजपा अध्यक्ष ने खुद ही उन्हें मध्यप्रदेश भेजने से इनकार कर दिया था। उन्होंने साफ कहा था कि राकेश सिंह की जरूरत यहां पर अभी ज्यादा है।

चुनाव अभियान समिति तोमर के पास
नए प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा के साथ ही भाजपा ने चुनाव अभियान समिति की घोषणा भी कर दी है। जिसका संयोजक केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर को बनाया गया है। जबकि प्रदेश सरकार के मंत्री नरोत्तम मिश्रा और लालसिंह आर्य के साथ फग्गन सिंह कुलस्ते को सहसंयोजक की जिम्मेदारी सौंपी गई है। नरोत्तम और लालसिंह आर्य को सहसंयोजक बनाने के पीछे की वजह उन्हें खुश करना भर है। दरअसल, दोनों ही नेता प्रदेश अध्यक्ष के लिए दावेदार थे। नरोत्तम का नाम केंद्रीय नेतृत्व ने जोड़ा तो लाल सिंह आर्य का नाम मुख्यमंत्री के कहने के बाद जोड़ा गया।

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