उत्तर कोरिया ने ट्रंप संग वार्ता से पहले सेना के उच्च अधिकारियों को हटाया

सिओल। उत्तर कोरिया के तीन उच्च स्तरीय सैन्य अधिकारियों को उनके पद से हटा दिया गया है। अमेरिका के वरिष्ठ अधिकारी इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि शायद उत्तर कोरिया की ओर से ऐसा विश्व के साथ अपने आर्थिक रिश्तों को सुधारने के मद्देनज़र उठाया होगा। किम जोंग उन और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ शिखर वार्ता को लेकर उच्च स्तरीय तैयारी की जा रही है। यह उत्तर कोरिया और अमेरिकी राष्ट्रपति के बीच होने वाली पहली बैठक होगी।

स्‍पष्‍ट नहीं किम का रुख
किम का मोटिवेशन अभी तक स्पष्ट नहीं है। लेकिन जानकार मान रहे हैं कि किम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सहयोग और घरेलू मोर्चे पर विकास के मुद्दे को लेकर कोरियन पीपल्स आर्मी (केपीए) पर अपनी मजबूत पकड़ बनाना चाह रहे हैं। सीएनए के अंतरराष्ट्रीय मामलों के एक गैर लाभकारी रिसर्च एडं आर्गेनाइजेशन के अंतरराष्ट्रीय समूह के निदेशक केन गोज ने कहा कि अगर किंम जोंग उन अमेरिका और उत्तर कोरिया के साथ शांति अपनाने को लेकर गंभीर है, तो उन्हें केपीएम के प्रभाव को कम करना होगा।

वार्ता को लेकर गंभीर है किम
किंम जोंग उन ने अपने वफादार अधिकारियों का फेरबदल करके ऐसा संदेश दिया है कि वो ट्रंप के साथ चर्चा को लेकर गंभीर हैं। उनकी इस कोशिश की वजह से सिंगापुर में होने वाले शिखर सम्मेलन को रद्द होने से बचा लिया।

कुछ मतभेद-
अमेरिका की ओर से उत्तर कोरिया संग वार्ता में परमाणु हथियार प्रोग्राम को बंद करने को लेकर समझौते का मुद्दा रखा जा सकता है। माना जा रहा है इसी मु्द्दे को लेकर उत्तर कोरियाई सेना और किम जोंग उन के बीच मतभेद है। ट्रंप उत्तर कोरिया को परमाणु हथियार मुक्त देखना चाहते हैं। ऐसा होने पर अमेरिका उत्तर कोरिया पर लगाई गई आर्थिक पाबंदियों को हटाया जा सकता है। हालांकि उत्तर कोरिया का नेतृत्व अपने लिए परमाणु हथियार को बहुत ही अहम मान रहा है, जबकि किंम की योजना आर्थिक विकास के मोर्चे पर है।

नए रक्षा मंत्री
याॅनहॉप ने एक अप्रमाणित जासूसी अधिकारी के हवाले से कहा है कि मिनिस्ट्री ऑफ पीपल्स आर्म फोर्स के पहले मंत्री कवांग चोंग को हटाकर उनकी जगह पाक यांग सिक को रक्षा प्रमुख बनाया गया है, जबकि सी म्योंग सू को उनके डिप्टी री यांग गिल जगह नियुक्त किय गया है।

कोई टिप्‍पणी नहीं
उत्तर कोरिया स्टेट मीडिया की ओर से पहले स्पष्ट किया गया कि आर्मी जनरल किम सू गिल की जगह किंम जोंग गाक को केपीए जनरल पॉलिटिकल ब्यूरो का निदेशक नियुक्त किया है। व्हाइट हाउस स्टेट डिपार्टमेंट, सीआईए और नेशनल इंटेलिजेंस के निदेशक के ऑफिस की ओर से इस मामले में कोई टिप्पणी नहीं की गई। दक्षिण कोरिया के एकीकरण और रक्षा मंत्रालय ने इस रिपोर्ट पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। एककीकरण मंत्री ने कहा कि सरकार उत्तर कोरिया के नेतृत्व पर करीब से नजर रख रही है। दक्षिण कोरिया के विदेश मंत्री कांग कियांग की अमेरिकी सेक्रेटी संग 15 मिनट की टेलीफोनिक वार्ता हुई, इस दौरान अमेरिकी और उत्तर कोरियाई राष्ट्राध्यक्षों की आगामी बैठक को लेकर चर्चा की गई।

आर्थिक तथ्य, पार्टी पकड़
उत्तर कोरिया परमाणु और मिसाइल प्रोग्राम में मिलिट्री को द्वितीय स्थान दिया गया है। किंम जोंग उन ने ऐसे भरोसेमंद लोगों को सेना के उच्च पदों पर बैठाया है, जिन पर वो अंतरराष्ट्रीय और घरेलू स्तर पर भरोसा कर सकते हैं। नार्थ कोरिया मामलों के जानकार मिचाइल मेडन विश्वविद्यालय के जॉन हॉपकिंग्स की ओर से ऐसी जानकारी दी गई। उनके मुताबिक न्यूक्लियर हथियारों का मुद्दा अलग है। ऐसा फैसला इस लिए लिया गया है, जिससे कि किम जोंग उन बुनियादी ढ़ांचे के निर्माण में सेना की हिस्सेदारी बढ़ाई जाए। इसी वजह से सेना में नए अधिकारियों की नियुक्ति हुई है।

आर्थिक सहायता चाहते हैं किम
किम जोंग उन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ज्यादा से ज्यादा आर्थिक सहायता हासिल करना चाहते हैं और उत्तर कोरिया में निवेश की योजना पर काम कर रहे हैं। इसके साथ ही उत्तर कोरियाई में भ्रष्टाचार को खत्म करने पर उनका जोर होगा। किंम जोंग उन की ओर से नियुक्त किए गए सारे अधिकारी युवा हैं। इस पद से हटाए गए लोगों में 63 वर्षीय यांग गिल है, जबकि नियुक्ति पाने वाले अधिकारी की उम्र 21 साल है।

चीन और रूस से संपर्क
किम जोंग उन मुख्य रुप से उत्तर कोरियाई पार्टी और वहां की सेना पर अपना पूरा नियंत्रण चाहते हैं। इसके साथ ही वहां के आर्थिक सुधारों पर दरुस्त करना चाहते हैं। किम जोंग उन ने अमेरिकी राष्ट्रपति से मुलाकात से पहले चीन रुस और सीरिया से संपर्क साधा था। इन्हीं देशों के दम पर उत्तर कोरिया अन्य देशों से संपर्क साधता है।

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