
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन की 12 जून को होने वाली मीटिंग पर पूरी दुनिया की निगाहें टिकी हुई थीं. मीटिंग सिंगापुर में हुई और सुरक्षा तमाम इंतज़ाम किए गए थे. इसके अलावा दोनों देशों की ओर से सुरक्षा के बेहद कड़े इंतज़ाम थे. लेकिन इस सबके बीच जिस चीज़ ने लोगों का ध्यान सबसे ज़्यादा अपनी ओर खींचा वो था उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन का सुरक्षा इंतज़ाम.
किम जोंग को सिंगापुर ले जाने के लिए उत्तर कोरिया से तीन अलग-अलग विमानों (IL76, एयर चाइना बोइंग 747 और इल्यूशिन IL62) ने एक-एक घंटे के अंतराल पर रविवार को उड़ान भरी. लेकिन किसी को भी इस बात की खबर नहीं थी कि किम जोंग किस विमान में हैं? किम जोंग की बहन यो-जोंग भी सोवियत-एरा के एक विमान में सिंगापुर पहुंचीं.
उत्तर कोरिया के एक अधिकारी ने बताया कि चूंकि तनाव काफी था, इसलिए इस बात को पूरी तरह से गुप्त रखा गया कि किम जोंग किस विमान में हैं? पहला विमान किम जोंग लिए खाने-पीने की चीजें, बुलेट-प्रूफ लिमोजिन गाड़ी व पोर्टेबल टॉयलेट लेकर सिंगापुर पहुंचा. पोर्टेबल टॉयलेट इसलिए ले जाया गया था ताकि किम जोंग के स्टूल (मल) की किसी तरह के जांच न की जा सके या उस पर किसी तरह का परीक्षण न किया जा सके.
सुरक्षा कारणों से किम जोंग ने शंघाई होकर सिंगापुर की यात्रा नहीं की, क्योंकि ये रास्ता समुद्र के ऊपर से होकर जाता है जिससे सुरक्षा करने में दिक्कत होती है. इसके बजाय किम ने बीजिंग होकर सिंगापुर की यात्रा की, जिसमे 10 घंटे लगे और खर्च भी काफी हुआ. चीन के एविएशन सोर्सेज ने दक्षिण कोरिया की समाचार डेली ‘चोशुन इल्बो’ को बताया कि किम को एयरक्राफ्ट लोन पर देना दिखाता है कि चीन के ऊपर काफी राजनीतिक दबाव था और इसकी वजह से चीन को भारी खर्च भी करना पड़ा.
बता दें कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के रिज़ोल्यूशन 2270 के तहत उत्तर कोरिया को किसी भी तरह का एयरक्राफ्ट, शिप व क्रू उधार देने पर रोक है लेकिन मौजूदा परिस्थिति देखने से साफ होता है कि शायद चीन को संयुक्त राष्ट्र की मंजूरी मिल गई थी.