
नेपाल में बंगाल इनिशिएटिव फॉर सेक्टोरल टेक्निकल एंड इकॉनोमिक को-ऑपरेशन (BIMSTEC) का चौथा सम्मेलन चल रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार सुबह इस सम्मेलन में हिस्सा लेने पहुंचे. चार साल में पीएम मोदी का नेपाल का यह चौथा दौरा है.
सम्मेलन को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘डिजिटल कनेक्टिविटी के क्षेत्र में भारत अपने नेशनल नॉलेज नेटवर्क (National Knowledge Network) को श्रीलंका, बांग्लादेश, भूटान और नेपाल में बढ़ाने के लिए पहले से ही प्रतिबद्ध है. अगस्त 2020 में भारत इंटरनेशनल बुद्धिस्ट कॉनक्लेव की मेज़बानी करेगा.’ पीएम ने कहा, ‘मैं सभी बिम्सटेक सदस्य देशों को इस अवसर पर अतिथि के रूप में भागीदारी का निमंत्रण देता हूं.’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘बंगाल की खाड़ी क्षेत्र में कला, संस्कृति, सामुद्रिक कानूनों और अन्य विषयों पर शोध के लिए हम नालंदा विश्वविद्यालय में एक सेंटर फॉर बे ऑफ बंगाल स्टडीज की स्थापना भी करेंगे. हिमालय और बंगाल की खाड़ी से जुड़े हमारे देश, बार-बार प्राकृतिक आपदाओं का सामना करते रहते हैं. कभी बाढ़, कभी साईक्लोन, कभी भूकंप. इस बारे में एक दूसरे के साथ सहयोग और आपदा राहत प्रयासों में हमारा सहयोग और समन्वय बहुत जरूरी है.’
सम्मेलन में पीएम ने कहा, हममें से कोई भी देश ऐसा नहीं है जिसने आतंकवाद और आतंकवाद के नेटवर्क से जुड़े ट्रांस-नेशनल अपराधों और ड्रग्स तस्करी जैसी समस्याओं का सामना नहीं किया हो. नशीले पदार्थों से संबंधित विषयों पर हम बिम्सटेक फ्रेमवर्क में एक कॉन्फ्रेंस का आयोजन करने के लिए तैयार हैं.
बिम्सटेक देशों में बंगाल की खाड़ी क्षेत्र में बसे सात देश-बांग्लादेश, भूटान, भारत, म्यांमार, नेपाल, श्रीलंका और थाइलैंड शामिल हैं. समूह में शामिल सात देशों की आबादी 1.5 अरब है जो कि दुनिया की आबादी का 21 फीसदी है और इस समूह का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 2500 अरब डॉलर है.
बिम्सटेक का मुख्य उद्देश्य बंगाल की खाड़ी क्षेत्र में स्थित दक्षिण एशियाई और दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के बीच तकनीकी और आर्थिक सहयोग स्थापित करना है. दरअसल, एक्ट ईस्ट पॉलिसी और नेबरहुड फर्स्ट पॉलिसी को लेकर बिम्सटेक भारत के लिए महत्वपूर्ण है. गोवा में बिस्मटेक सम्मेलन का आयोजन होने के दो साल बाद काठमांडू में आयोजित इस सम्मेलन में समूह के सदस्य देशों के नेता मिल रहे हैं.