Teachers Day 2018: शिक्षक दिवस सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन पर ही क्यों मनाते हैं, जानें इसके पीछे की कहानी

Dr Sarvepalli Radhakrishnan, Happy Teachers Day 2018: भारत के दूसरे राष्ट्रपति और महान दार्शनिक डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिवस को भारत में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन देशभर में लोग अपने गुरुओं को याद करते हैं। दुनिया भर में टीचर्स डे मनाने की अलग-अलग तिथियां निर्धारित हैं। यूनेस्को की ओर से शिक्षक दिवस मनाने के लिए 5 अक्टूबर की तिथि निर्धारित है। इसलिए,दुनिया के 100 से ज्यादा देशों में 5 अक्टूबर को टीचर्स डे मनाया जाता है। भारत में 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाने के पीछे एक कहानी है। इस दिन छात्र और पूर्व छात्र अपने-अपने तरीके से अपने शिक्षकों को याद करते हैं, उन्‍हें थैंक यू कहते हैं। आइए, आज हम आपको टीचर्स से जुड़े इस किस्से के बारे में बताते हैं।

कौन थे राधाकृष्णन – डा. सर्वपल्‍ली राधा कृष्णन भारत के दूसरे राष्ट्रपति और एक शिक्षक थे। वह पूरी दुनिया को ही स्कूल मानते थे। उनका जन्म 5 सितंबर 1888 को तिरुतनी नाम के गांव में हुआ था। सर्वपल्ली राधाकृष्णन हमारे देश के दूसरे राष्ट्रपति थे। राजनीति में आने से पहले उन्होंने अपने जीवन के 40 साल अध्यापन को दिये थे। उनका कहना था कि जहां कहीं से भी कुछ सीखने को मिले उसे अपने जीवन में उतार लेना चाहिए। वह पढ़ाने से ज्यादा छात्रों के बौद्धिक विकास पर जोर देने की बात करते थे। वह पढ़ाई के दौरान काफी खुशनुमा माहौल बनाकर रखते थे। 1954 में उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।

राधाकृष्णन के जन्मदिन को ही क्यों मनाते हैं शिक्षक दिवस?

डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन देश के दूसरे राष्ट्रपति होने के अलावा एक विख्यात दार्शनिक, महान शिक्षाविद तथा शिक्षक थे। उनके छात्र उनसे बहुत स्नेह करते थे। एक बार उनके कुछ शिष्यों तथा दोस्तों ने उनका जन्मदिन मनाने का निश्चय किया। इस बारे में वे जब उनसे अनुमति लेने गए तो उन्होंने कहा कि मेरा जन्मदिन अलग से मनाए जाने की बजाय अगर शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाएगा तो मुझे गर्व महसूस होगा। इसी के बाद से पूरे देश में 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। देश में पहली बार 5 सितंबर 1962 को शिक्षक दिवस मनाया गया

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