शिवराज 187 सीटों तक पहुंचे, 2013 से 19 कम

महाकाल की नगरी उज्जैन से 14 जुलाई को शुरू हुई भाजपा की जन आशीर्वाद यात्रा गुरुवार को थम गई। इस बार यात्रा के जरिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 187 विधानसभाओं तक पहुंचे, जो पिछली बार की तुलना में 19 कम है। 2013 में मुख्यमंत्री ने 54 दिन में 206 विधानसभाएं नापी थीं। भाजपा का कहना है कि शेष रह गईं विधानसभाओं में मुख्यमंत्री नामांकन भरवाने के दौरान जा सकते हैं। पार्टी सूत्रों के मुताबिक यह यात्रा कुछ दिन और चलने वाली थी, लेकिन चुनावी रणनीति, टिकट चयन को अंतिम रूप और प्रबंधन की तैयारियों के मद्देनजर जबलपुर में इसका समापन कर दिया गया। जबकि मुख्यमंत्री का 28-29 अक्टूबर को भी जन आशीर्वाद का कार्यक्रम प्रस्तावित था। नवंबर में भी वे एक-दो दिन यात्रा पर जा सकते थे। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री की व्यस्तता की वजह से ही मेनिफेस्टो कमेटी व चुनाव प्रबंधन समिति की निर्णायक बैठकें नहीं हो पा रही थीं। टिकटों को लेकर 28 अक्टूबर को चुनाव समिति की बैठक होनी है। इसीलिए यात्रा थम गई।

यात्रा पर नजर…

46 दिन में 187 सीटों पर पहुंचे। 6000 किमी सड़क 4000 किमी हवाई मार्ग से सीएम ने सफर किया। 1800 रथ सभाएं की।

इन सीटों पर जाने का कार्यक्रम तय था पर बाद में टालना पड़ा

श्योपुर, विजयपुर, जौरा, सुमावली, सबलगढ़, करेरा, भितरवार, डबरा, दतिया, दमोह, जबेरा, पथरिया, खातेगांव, हाटपिपल्या, सोनकच्छ, देवास, गरोठ, सैलाना, आलोट, मंदसौर, खुरई, बीना, बंडा, भोजपुर, शमशाबाद, पोहरी, ग्वालियर, ग्वालियर ग्रामीण, ग्वालियर दक्षिण, ग्वालियर पूर्व और छिंदवाड़ा।

कांग्रेस का हमला…

कांग्रेस का हमला…

43 सीटों तक भी नहीं पहुंच पाया शिवराज का रथ : कमलनाथ

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री की जन आशीर्वाद यात्रा से जनता ने दूरी बना ली थी और उसमें भीड़ कम आ रही थी। आचार संहिता लगने से उनकी यात्रा में सरकारी कर्मचारी भी नहीं आ रहे थे। उन्हें काले झंडे दिखाए जा रहे थे, इसलिए उन्होंने चुनावी व्यस्तता का बहाना बनाकर इसे बंद किया है। उन्होंने कहा कि सीएम ने 230 सीटों पर जाने का दावा किया था, लेकिन वे 43 तक भी नहीं पहुंच पाए।

राहुल गांधी का दो दिनी दौरा; 66 सीटों पर नजर

रोड शो का रूट इंदौर के मध्य और घनी आबादी वाले इलाकों में

गौरव शर्मा | इंदौर

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी 29-30 अक्टूबर को मालवा के दौरे पर रहेंगे। अध्यक्ष बनने के बाद ये उनका पहला इंदौर दौरा होगा। वे इंदौर से सीधे उज्जैन जाएंगे, महाकाल के दर्शन करेंगे। फिर यहां सभा कर झाबुआ चले जाएंगे। वहां से शाम को इंदौर लौटेंगे। इसके बाद बड़ा गणपति से रोड शो करेंगे, जो राजबाड़ा में सभा के साथ खत्म होगा। अगले दिन उद्योगपति और प्रोफेशनल्स से सीधा संवाद कर धार चले जाएंगे। जहां धार, खरगोन में उनकी सभा होगी। फिर शाम को महू में सभा कर इंदौर से दिल्ली चले जाएंगे।

राहुल के इस दौरे को इंदौर-उज्जैन संभाग की 66 सीटों को ध्यान में रखकर सैट किया गया है। दो दिन में वे सात सभाएं, रोड शो, सीधा संवाद करेंगे। उनके दौरे की दो माह से तैयारियां चल रही थीं। हालांकि इन 66 में से कांग्रेस के पास अभी सिर्फ 9 सीटें हैं। पार्टी का टारगेट 25 सीटें जीतने का है। सूत्रों के मुताबिक चुनाव से पहले राहुल का एक दौरा निमाड़ में खंडवा व बुरहानपुर में कराने की योजना है।

1985 और 1998 में मालवा ने ही कांग्रेस को सत्ता दिलाई थी, नए चेहरे चमके थे

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