बीजेपी के लिए ‘लकी’ रहा ये मैदान, अब कमलनाथ भी यहीं लेंगे शपथ!

पीसीसी अध्यक्ष कमलनाथ 17 दिसंबर को मध्य प्रदेश के नए सीएम के तौर पर शपथ लेने जा रहे हैं. कमलनाथ ने अपने शपथ ग्रहण के लिए उसी जंबूरी मैदान को चुना है जिसे अब तक बीजेपी के लिए शुभ माना जाता रहा. बीजेपी के कार्यकर्ता महाकुंभ से लेकर शिवराज के शपथ ग्रहण तक जैसे बड़े आयोजन जंबूरी में ही आयोजित हुए हैं.

भोपाल के जंबूरी मैदान में चल रही ये तैयारियां मध्य प्रदेश के नए सीएम कमलनाथ के राजतिलक के लिए हैं. 17 दिसंबर को कमलनाथ इसी जंबूरी मैदान में आयोजित भव्य समारोह में मुख्यंत्री पद की शपथ लेंगे. कमलनाथ के शपथ ग्रहण का कार्यक्रम इससे पहले भोपाल के ही लाल परेड ग्राउंड पर आयोजित होना था लेकिन बाद में इसे जंबूरी मैदान में करने का फैसला किया गया.

शपथ ग्रहण का कार्यक्रम जंबूरी मैदान में तय होने के साथ ही इसके साथ जुड़े तमाम मिथक भी चर्चा में हैं. बीजेपी अब तक अपने तमाम बड़े आयोजन इसी मैदान पर करती आई है और ये चर्चा-ए-आम हो गई कि जंबूरी मैदान बीजेपी के लिए शुभ है. (इसे पढ़ें- बीजेपी-कांग्रेस में ठनी, किस सीट से उपचुनाव लड़ेंगे कमलनाथ!)

बीजेपी के लिए जंबूरी मैदान के शुभ हो जाने की कड़ियां कुछ इस तरह जुड़ती हैं..

बीजेपी अपने कार्यकर्ता महाकुंभ इसी मैदान पर आयोजित करती आई है.
साल 2008, 2013 और 2018 का कार्यकर्ता महाकुंभ जंबूरी मैदान पर ही आयोजित हुआ.
2008 और 2013 दोनों बार बीजेपी को बहुमत मिला और शिवराज मुख्यमंत्री बने.

बतौर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने 2008 और 2013 में इसी मैदान पर शपथ ली थी.
शिवराज सिंह चौहान के बतौर सीएम 5 साल पूरे होने पर भी बीजेपी ने जंबूरी में ही जश्न मनाया था.
बीजेपी सरकार के बड़े आयोजन भी इसी मैदान पर आयोजित होते आए हैं.
किसान महासम्मेलन से लेकर महिला स्व सहायता समूह का सम्मेलन जंबूरी मैदान पर ही आयोजित हुआ.

इस विधानसभा चुनाव का चुनावी शंखनाद भी बीजेपी ने इसी मैदान पर किया था. उस कार्यकर्ता सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह भी शामिल हुए थे. तब बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा ने कहा था कि जंबूरी मैदान हमारे लिए शुभंकर है. हम प्रदेश में जो भी अभियान शुरू करते हैं यहीं से शुरू करते हैं और उसमें विजयी होते हैं.

हालांकि इस बार वक्त के साथ शपथ लेने वाला चेहरा भी बदल गया है और जंबूरी का शुभंकर कांग्रेस के साथ है. ये तो अतीत की बात हुई कि जो जंबूरी बीजेपी और शिवराज के लिए शुभ रहा, आज की हकीकत वक्त के साथ बदली है और इस बदले निजाम में क्या कांग्रेस का शुभ वक्त भी जंबूरी से ही शुरु हो रहा है!

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