
नई दिल्ली । वाणिज्य व उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा है कि वह अगले महीने दावोस में अमेरिका दिग्गज टेक्नोलॉजी कंपनी एपल के शीर्ष अधिकारियों के साथ मुलाकात करेंगे और भारत में निर्माण इकाई लगाने के बारे में विचार विमर्श करेंगे।
उन्होंने कहा कि कंपनी के साथ बातचीत जारी है। देश में उत्पादन इकाई लगाने के लिए एपल की मांगों पर सरकार विचार कर सकती है। उन्होने एक इंटरव्यू में बताया कि हम एपल के साथ वार्ता कर रहे हैं। अगर वह सहमत होंगे तो हम भारत में एपल की उत्पादन इकाई स्थापित करवाने को इच्छुक हैं। जनवरी में हम कंपनी के शीर्ष प्रबंधन से बात करेंगे।
प्रभु ने कहा कि करीब दो-तीन साल पहले एपल ने प्रस्ताव दिया था। तब से आज हमारे लिए और उनके लिए स्थितियां बदल चुकी हैं। इस मसले पर विचार करके फैसला करने के लिए यह सही समय है। टैक्स व अन्य तरह की रियायतों की कंपनी की मांग के बारे में पूछे जाने पर मंत्री ने कहा कि हम उन पर विचार कर सकते हैं। अगर एपल भारत आती है तो हमें उसका स्वागत करते हुए खुशी होगी।
दुनिया भर में लोकप्रिय आइफोन और आइपैड की निर्माता कंपनी एपल इंक ने देश में उत्पादन इकाई लगाने के लिए कुछ रियायतों की मांग की थी। उसने स्मार्टफोन के उत्पादन में इस्तेमाल होने वाले पुर्जे, उपकरण और अन्य वस्तुओं पर 15 साल के लिए शुल्क रियायत की मांग की थी। कंपनी ने 30 फीसद स्थानीय खरीद की शर्त में छूट के अलावा स्थानीय स्तर पर असेंबलिंग के लिए डिवाइस की कंपलीटली-नॉक्ड-डाउन और सेमी-नॉक्ड-डाउन यूनिट पर शुल्क घटाने की मांग की थी।
एपल खुद डिवाइस नहीं बनाती है बल्कि वह अनुबंधित निर्माताओं से बनवाती है। वह चीन, जर्मनी, अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस जैसे देशों में खुद के रिटेल स्टोर से बिक्री करती है। भारत वह खुद के स्टोर से डिवाइस नहीं बेच रही है बल्कि वह रेडिंगटन और इनग्राम माइक्रो के जरिये बिक्री कर रही है।
वाणिज्य व उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा है कि ई-कॉमर्स पॉलिसी के नए ड्राफ्ट में मूल्य व डिस्काउंट में पारदर्शिता को बढ़ावा, और रिटेलर व उपभोक्ता हितों के संरक्षण समेत कई मसलों पर फोकस होगा। औद्योगिक नीति एवं प्रोत्साहन विभाग (डीआइपीपी) नए ड्राफ्ट पर काम कर रहा है और अगले दो-तीन सप्ताह में आम लोगों की राय जानने के लिए सार्वजनिक कर दिया जाएगा। प्रभु के अनुसार ई-कॉमर्स में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा दिया जाएगा। इस क्षेत्र का लाभ उपभोक्ताओं और खुदरा विक्रेताओं को मिलना चाहिए।