INDvAUS: हेडन ने बताया- कुलदीप और चहल में कौन है बेहतर

के बीच पांच मैचों की वनडे सीरीज जारी है। चार मैचों के बाद दोनों टीमें 2-2 की बराबरी पर हैं। ऑस्ट्रेलिया ने 10 मार्च (रविवार) को मोहाली में भारत को चार विकेट से हराया और सीरीज में 2-2 की बराबरी हासिल की। इस सीरीज में कुलदीप यादव ने अभी तक शानदार गेंदबाजी की है और ऑस्ट्रेलिया के पूर्व सलामी बल्लेबाज मैथ्यू हेडन ने कुलदीप की जमकर तारीफ भी की है। हेडन के मुताबिक युजवेंद्र चहल का सामना करने से कहीं ज्यादा मुश्किल कुलदीप यादव का सामना करना है।

हेडन ने कहा कि शेन वॉर्न की तरह ही कुलदीप यादव ड्रिफ्ट करते हैं और यही वजह है कि वो बाकी स्पिनरों से आज के समय में ज्यादा प्रभावी हैं। चहल और कुलदीप दोनों ही रिस्ट (कलाई) स्पिनर हैं। दोनों ने पिछले कुछ समय में दुनिया के टॉप बल्लेबाजों को जमकर परेशान किया है। हेडन के मुताबिक, ‘कुलदीप की गेंद हवा में घूमती है, जैसे शेन वॉर्न हवा में गेंद घुमाया करते थे।’ चहल के बारे में हेडन ने कहा, ‘चहल बिल्कुल अलग गेंदबाज है, वो स्टंप टू स्टंप गेंदबाजी करता है। उसकी गेंद फ्लैट और स्ट्रेट रहती है। उसकी गेंद में ड्रिफ्ट नहीं होता है। मैं चहल की गेंदबाजी पर बैटिंग करना पसंद करूंगा।’

‘लेग स्पिनर इसलिए बेहतर होते हैं’

हेडन ने कहा, ‘लेग स्पिनर आपको विकल्प और विविधता देते हैं। विशेष तौर पर अगर आप कुलदीप को देखो तो उसका मजबूत पक्ष यह नहीं है कि वह गेंद को कितना अधिक स्पिन करा सकता है बल्कि यह है कि उसकी गेंद शेन वार्न की गेंदों की तरह बल्लेबाज तक पहुंचती हैं।’ ऑस्ट्रेलिया के लिए 8000 से अधिक टेस्ट और 6000 से अधिक वनडे रन बनाने वाले हेडन ने उंगली के स्पिनरों के सीमित ओवरों के प्रारूप में अधिक सफल नहीं होने के संदर्भ में कहा, ‘ऑफ स्पिनरों ने बल्लेबाजों को रोकने की कला सीख ली थी जिसके कारण वे निश्चित समय तक हावी रहे।’

हेडन ने ऐसे दिया नाथन लायन का उदाहरण

उन्होंने कहा, ‘लेकिन अब खिलाड़ी ऑफ स्पिनरों की सपाट गेंदों के आदी हो गए हैं। ऑफ स्पिनर गति में विविधता लाने की कला भूल गए हैं।’ हेडन ने इसके लिए नागपुर में दूसरे एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच में नाथन लायन का उदाहरण दिया और इस ऑफ स्पिनर के दोनों स्पेल की तुलना की। उन्होंने कहा, ‘उसके दूसरे स्पैल के दौरान गति 80 से 82 किमी प्रति घंटा के आसपास थी जो पहले स्पैल में 90 से 92 किमी प्रति घंटा थी। इसमें स्पष्ट तौर पर 10 किमी प्रतिघंटा की कमी थी। अचानक उसे खेलना मुश्किल हो गया।’

हेडन को इसमें कोई संदेह नहीं कि गेंदबाजों को अगर सफल होना है तो उन्हें सीमित ओवरों के क्रिकेट में इस तरह का साहस दिखाना होगा। उन्होंने कहा, ‘उनके साथ साहस का मुद्दा होता है जब वे रन नहीं देना चाहते। टेस्ट मैचों में वह रन रोकने की जगह विकेट लेने वाले बन जाते हैं। यही अंतर है।’ हेडन को खुशी है कि ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाज केदार जाधव को अलग लाइन और लेंथ के साथ गेंदबाजी करने के लिए मजबूर करने में सफल रहे।

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