गौतम गंभीर ने देश को टुकड़े करने वालों को लताड़ा, कहा- इनको देश में रहने का हक़ नहीं

नई दिल्ली: टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर ने इसी साल क्रिकेट से संन्यास लिया और अब वे पूर्वी दिल्ली से लोकसभा के लिए भाजपा के उम्मीदवार हैं. गंभीर ने मंगलवार को ही पूर्वी दिल्ली से अपनी उम्मीदवारी का पर्चा भरा. गंभीर ने पर्चा भरने के बाद पहली बार इंटरव्यू दिया. जी न्यूज को दिए इस इंटरव्यू में क्रिकेट के मैदान पर आमतौर पर शांत रहने वाले गंभीर ने देश के वर्तमान हाल पर खुल कर बात की. गंभीर ने देशभक्ति पर बात करते हुए कहा कि जो देश को बांटने में विश्वास करते हों उन्हें यहां रहने का कोई हक नहीं.

मेरे लिए देश पहले, दिल्ली मेरी कर्मभूमि
पिछले कुछ समय से सोशल मीडिया पर सक्रिय रहे गंभीर ने कई बार देशभक्ति पर जोशीले ट्वीट किए हैं. इसके बाद भी उनका मानना है कि लोग सिर्फ ट्वीट करते है लेकिन कम लोग ज़मीन पर उतर के काम करते हैं, वे सिर्फ ऐसी कमरों में बैठ कर ट्वीट करने में भरोसा नहीं करते. उन्होंने कहा, “मेरे लिए देश सबसे पहले है उसके बाद मेरे माँ बाप और उसके बाद बाकी सब है. दुनिया के किसी भी कोने में चला जाऊ, लोग मुझे शायद मेरे नाम से न पहचाने लेकिन मेरे देश के नाम से मुझे जानते है, लोग पूछते है की आर यू एन इंडियन? ( क्या आप भारतीय हैं.)

कश्मीर मुद्दे पर यह कहा गंभीर ने
गंभीर अभी तक सोशल मीडिया पर कश्मीर और देश की सुरक्षा के मामले में काफी सक्रिय दिखाई है. उनका कहना है कि है. उन्होंने फारुख अब्दुल्ला और महबूबा मुफ़्ती को कश्मीर को हालात के लिए ज़िम्मेदार ठहराया. अब्दुल्ला ने इतने वर्षों तक राज किया लेकिन उनमें वहां के हालात सुधारने की इच्छाशक्ति नहीं थी.

पाकिस्तन में उतनी आजादी नहीं जितनी भारत में
उन्होंने सवाल किया कि जब कश्मीर हमारा हिस्सा है तो हम समाधान बाहर से क्यों ढूढ रहे हैं. चाहे अब्दुल्ला हों या महबूबा मुफ़्ती हो इन लोगों ने ऐसे हालात बना दिए की छोटा से बच्चा भी सड़क पर आकर पत्थर मारने को मजबूर है. आपके बच्चे बाहर पढ़ते है लेकिन आपने कश्मीर के लिए कुछ नही किया. आज कश्मीर जिस हालात में है वो इन दोनों नेताओं की वजह से है. उन्होंने कहा, “इस देश में जितनी आज़ादी है उतनी पाकिस्तान या किसी और देश में नही मिलेगी. पाकिस्तान में जा कर देखो माइनॉरिटी के पास कोई अधिकार नही है यहाँ पर आपके पास इतने अधिकार है उसके बाद भी आप घुटन महसूस करते हैं”

पूर्वी दिल्ली के बाहरी होने पर
पूर्वी दिल्ली में बाहरी होने के आरोपों पर गंभीर ने कहा, “ मुझे पता था की लोग मुझ पर आरोप लगाएंगे, लेकिन मैं अपने मुंह से कभी भी किसी की फैमिली या व्यक्तिगत आरोप नही लगाऊंगा, मैं कभी उस स्तर पर नही जाऊंग, मुझे हार का डर नही है.” पूर्वी दिल्ली में उन्हें बाहरी कहने वालों से कहा, “पहले अपने देश के टुकड़े करने की बात करते है और अब स्टेट को भी बांटने की बात करते हो, दिल्ली के लड़के को कहा जाता है की ये बाहरी है, अब और कितने हिस्से करोगे” अगर आप देश के टुकड़े करने के बात करते है तो आपको हक़ नही है इस देश में रहने का. अगर आपको इस देश से इतनी प्रॉब्लम है तो आपको हक़ नही है देश में रहने का. किसी दिल्लीवासी को ये कहा जाए की अगर आप जहाँ रहते हो वो ही आपकी दिल्ली है बाकी बाहरी दिल्ली है तो आपको कैसा लगेगा. उन्होंने कहा कि पूर्वी दिल्ली उनकी कर्मभूमि है. वे दिल्ली में पैदा हुए हैं और दिल्ली उनकी है.

हार के डर पर
चुनाव में हार को लकर डर को लेकर गौतम ने कहा, “अगर आपको हार का डर है तो आप ज़िन्दगी में कभी जीत नही सकते है, मुझे हार का डर नही है. मैंने इतनी क्रिकेट खेली है की हर और जीत का डर निकल चुका हूं. ये लोग तय करेंगे की मैं पिकनिक मनाने आया हूँ या काम करने. लोगों ने दिल्ली को पेरिस और लंदन बनाने के दावे किये लेकिन में दिल्ली को दिल्ली ही बनाऊंगा और बेहतर करूंगा.”

अरविंद केजरीवाल पर साधा निशाना
गंभीर का मानना है कि दिल्ली में केजरीवाल सरकार ने सिर्फ ब्लेम गेम खेला है. दिल्ली में इतना प्रदूषण हुआ लेकिन दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कोई कदम नही उठाया सिर्फ दूसरे पर आरोप मढ़ते रहे. उन्होंने सवाल किया कि क्या आज से दस साल बाद अपने बच्चों के लिए क्या माहौल तैयार कर रहे है.. हालात लगातार खराब हो रहे है
दिल्ली सरकार ने दिल्ली के लोगो को शर्मिंदा किया है. दिल्ली में शिक्षा को लेकर दिल्ली सरकार दावे करती है लेकिन आपने सिर्फ दिखावा किया है, शिक्षकों और शिक्षा पर काम नही हुआ है.

सेना पर सवाल उठाने पर ये बोले गंभीर
गंभीर ने कहा कि हमारे देश में लोग अपनी सेना पर ही संदेह करते है ये बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. अगर आप सेना की इज़्ज़त नही करते तो इसका मतलब देश की इज़्ज़त नही करते. हमारे प्रधानमंत्री ने बड़े कदम उठाए लेकिन आप नहीं उठा पाए इसकी तारीफ करने के बजाय आपने सेना पर ही सवाल खड़े कर दिए, की एयर स्ट्राइक सिर्फ पेड़ो पर हुई या फिर हुई भी या नहीं.

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