कमलनाथ सरकार प्रदेश में बिजली संकट के लिए बीजेपी को ठहरा रही है दोषी

मध्य प्रदेश में जोरदार गर्मी पड़ रही है. राज्य के कई शहरों में तो तापमान 47 डिग्री तक जा पहुंचा है. सूरज आग उगल रहा है. इस भारी गर्मी में बिजली काटी जाने लगी है. इससे लोग परेशान होने लगे हैं. सरप्लस बिजली वाले राज्य मध्य प्रदेश में बिजली कटौती एक खबर है. राज्य में बिजली कटौती का प्रश्न ही नहीं उठना चाहिए था. लेकिन यहां बिजली काटी जा रही है. प्रदेश में सपा, बसपा और निर्दलीयों की मदद से चल रही कांग्रेस की राज्य सरकार को समझ में नहीं आ रहा कि वह इस बिजली संकट से कैसे उबरे. अब तो राज्य सरकार बिजली कटौती के लिए बीजेपी को दोषी ठहराने लगी है. दरअसल प्रदेश में बिजली कटौती अब एक मुद्दा बन चुकी है.

बता दें कि जब से प्रदेश में कांग्रेस पार्टी सत्ता में आई है, तब से ही बिजली कटौती की खबर सुर्खियां बनने लगी है. हद तो दब हो गई जब पिछले दिनों मुख्यमंत्री कमलनाथ मतदान करने छिंदवाड़ा पहुंचे, तब ऐन वक्त पर मतदान केंद्र में बिजली चली गई थी. मुख्यमंत्री को मोमबत्ती की रोशनी में वोट डालना पड़ा था. ऐन वक्त पर बिजली चले जाने का दोष राज्य सरकार भाजपा पर मढ़ रही है. अगर ऐसा ही है तब इसे कमलनाथ सरकार की अयोग्यता कही जाएगी. सरकार उनकी और सारा तंत्र उनका, तब बीजेपी को कैसे दोषी माना जा सकता है. जनता अब यह पूछने लगी है कि आखिरकार प्रदेश में किस पार्टी की सरकार है.

इतना ही नहीं पिछले दिनों छिंदवाड़ा में मुख्यमंत्री के बंगले की बिजली भी चली गई थी. तब कमनाथ सरकार ने आनन-फानन में कई कर्मचारी और अधिकारी को निलंबित कर दिया. फिर भी बात नहीं बनी. सरकार यही पता नहीं लगा पा रही है कि आखिरकार बिजली कट कैसे जा रही है. यानि प्रदेश में बिजली संकट थमने का नाम नहीं ले रहा है.

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