
नई दिल्ली: टीम इंडिया के विकेटकीपर महेंद्र सिंह धोनी के ग्लव्स पर सेना के निशान के मामला को लकेर बीसीसीआई अब अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) तक पहुंच गया है. पहले प्रशासकों की समिति (सीओए) ने आईसीसी से अपील करते हुए कहा कि वे विकेटकीपर महेंद्र सिंह धोनी के दस्तानों पर बने सेना के चिह्न् को मंजूरी दे. इसी बीच बीसीसीआई के सीएओ राहुल जौहरी भी आईसीसी की मीटिंग में शामिल होने के लिए लंदन पहुंच गए हैं, लेकिन उनकी यात्रा का इस विवाद से कोई लेना देना नहीं है.
यह है मामला
इंग्लैंड एंड वेल्स में जारी विश्व कप में भारत के पहले मैच में धोनी को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ विकेटकीपिंग दस्तानों पर भारतीय पैरा स्पेशल फोर्स के चिह्न् का इस्तेमाल करते देखा गया था. इसके बाद,आईसीसी ने बीसीसीआई से कहा था कि वह धोनी के दस्तानों पर से यह चिह्न् हटवाए. सूत्रों के अनुसार मुंबई में शुक्रवार को सीओए की बैठक में एक सदस्य ने कहा कि मंजूरी की मांग की गई है ताकि धोनी अपने दस्तानों को पहन सके.
क्या कहना है विनोद राय का
सीओए के सदस्य ने कहा, “हां, हमें धोनी के चिह्न् को लेकर जारी विवाद के बारे में पता है, लेकिन इससे किसी प्रकार की राजनीतिक या धार्मिक संवेदनाएं नहीं जुड़ी हुई हैं और हमने आईसीसी से मांग की है कि धोनी को चिह्न् वाले दस्ताने पहनने की आज्ञा दी जाए. हमने आईसीसी को खत भेज दिया है. वहीं बीसीसीआई के सीईओ की लंदन यात्रा का इस मामले से कोई संबंध नहीं है. वे आीसीसी मीटिंग में शामिल होने के लिए गए हैं.” वहीं विनोद राय ने यह भी कहा, “ अगर आईसीसी के इस मामले में कोई स्थापित नियम हैं तो हम उन नियमों के अनुसार चलेंगे.”
क्या हैं संभावनाएं
सूत्रों के मुताबिक यह मामला इतना सीधा है नहीं जितना लगता है. आईसीसी के नियमों को देखकर भले ही लगे कि धोनी को इस चिह्न् का प्रयोग नहीं कर सकते लेकिन ऐसा पूरी तरह है नहीं. आईसीसी के एक अधिकारी का कहना है कि परिषद को अगर बीसीसीआई यह समझाने में सफल हो पाता है कि ‘बलिदान ब्रिगेड के चिह्न्’ से किसी प्रकार की राजनीतिक या धार्मिक संवेदनाएं नहीं जुड़ी हुई है तो बोर्ड के अपील पर विचार किया जा सकता है.
यह नाता है धोनी का इस चिह्न् से
आईसीसी के महाप्रबंधक, रणनीति समन्वय, क्लेयर फरलोंग ने कहा था, “हमने बीसीसीआई से इस चिह्न् को हटवाने की अपील की है.” धोनी के दस्तानों पर ‘बलिदान ब्रिगेड’ का चिह्न् है. सिर्फ पैरामिलिट्री कमांडो को ही यह चिह्न् धारण करने का अधिकार है. धोनी को 2011 में पैराशूट रेजिमेंट में लेफ्टिनेंट कर्नल के मानद उपाधी मिली थी. धोनी ने 2015 में पैरा ब्रिगेड की ट्रेनिंग भी ली है. इस पर हालांकि सोशल मीडिया पर धोनी की काफी तारीफ हो रही है, लेकिन आईसीसी की सोच और नियम अलग हैं. आईसीसी के नियम के मुताबिक, “आईसीसी के कपड़ों या अन्य चीजों पर अंतरराष्ट्रीय मैच के दौरान राजनीति, धर्म या नस्लभेदी जैसी चीजों का संदेश नहीं होना चाहिए.”