
सुलेमानियाह । चीन के वुहान शहर से शुरू हुई कोरोना वायरस की महामारी दुनिया के दूसरे मुल्कों में तेजी से फैल रही है। इराक में इस वायरस के संक्रमण से पहली मौत हुई है। इराक ने अपने आधिकारिक बयान में कहा कि बुधवार को एक 70 वर्षीय मौलवी की कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण मौत हो गई। आधिकारिक बयान में यह भी जानकारी दी गई है कि अब तक इराक में कुल 31 लोग इस वायरस से संक्रमित हुए हैं।
उत्तरी कुर्दिश स्वायत्त क्षेत्र के स्वास्थ्य अधिकारी के प्रवक्ता ने बताया कि मृत्यु से पहले मौलवी को उत्तरपूर्वी शहर सुलेमानिया में अलग थलग रखा गया था। स्थानीय सूत्रों के मुताबिक, मौलवी ने ईरान से लौटे कुछ इराकी लोगों से मुलाकात की थी। चीन और दक्षिण कोरिया के बाद ईरान ऐसा देश है जहां इस वायरस से अब तक 77 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 2,300 लोगों से अधिक संक्रमित हैं।
मालूम हो कि इराक ईरान के सबसे बड़े निर्यात बाजारों में से एक है। ईरानी तीर्थयात्रियों के लिए इराक काफी महत्वपूर्ण है। ईरान के लोग इराक के नजफ और कर्बला के पवित्र शहरों का दौरा करते हैं। इराक के लोग भी व्यापार, पर्यटन, शिक्षा और इलाज कराने के लिए ईरान का दौरा करते हैं। कोरोना वायरस के मामले सामने आने के बाद इराक ने ईरान से लगती अपनी सीमाएं सील कर दी हैं और विदेशी नागरिकों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
इराक ने कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए स्कूलों, कॉलेजों, विश्वविद्यालयों, सिनेमा हॉल्स और कैफे आदि को सात मार्च तक के लिए बंद कर दिया है। हालांकि, लोगों में वायरस के संक्रमण को लेकर घबराहट का माहौल है। लोगों का कहना है कि युद्ध से उबरे इस देश में स्वास्थ्य सेवाएं अभी उस स्तर की नहीं है जो कोरोना जैसी महामारी से लड़ सके। विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों की मानें तो इराक में प्रति 10 हजार लोगों पर मात्र 10 डॉक्टर हैं।