स्कूल में अनुबंधित अतिथि शिक्षकों का भविष्य अधर में लटका

भोपाल. कोरोना की दहशत के बीच शासकीय स्कू लों के बंद होने का दुष्प्रभाव प्रदेश भर की शासकीय शालाओं में पढाने वाले अतिथि शिक्षकों पर पड़ रहा है। स्कू  लों में अवकाशों के चलते अतिथि शिक्षकों को मानदेय रुक गया है। वहीं सरकारी स्कू  लों में एक अप्रेल से शुरू होने वाले नए सत्र के समय पर शुरू होने के आसार नहीं दिख रहे हैं ऐसे में अगले माह भी अतिथि शिक्षकों को कोई भुगतान प्राप्त होना मुश्किल होगा, जिसके चलते प्रदेश के स्कू  लों में पढ़ाने वाले 75 हजार से अधिक अतिथि शिक्षकों के सामने घर चलाने का संकट खड़ा हो गया है। प्रदेश के सरकारी स्कू  लों में 75 हजार से अधिक अतिथि शिक्षक अध्यापन कार्य करते हैं। वर्तमान शैक्षणिक सत्र में इन शिक्षकों का अनुबंध 29 फरवरी को समाप्त हो गया था। शिक्षा विभाग ने आखिरी तारीख को स्कू  लों में मूल्यांकन एवं अन्य कार्यों में अतिथि शिक्षकों की जरुरत देखते हुए शाला की जरुरत के अनुसार अनुबंध की समय सीमा 30 अप्रेल तक बढ़ा दी थी। लेकिन मार्च के दूसरे सप्ताह से कोरोना के बढ़ते प्रकोप के चलते पहले परीक्षाएं स्थगित हुई तो फिर शिक्षकों को भी अवकाश घोषित हो गया। कक्षाएं और मूल्यांकन कार्य दोनों न होने से अतिथि शिक्षकों का मानदेय किसी सूरतमें भी बनाया नहीं जा सकेगा। ऐसे में अप्रेल माह में भी कक्षाएं नहीं लगी तो अतिथि शिक्षकों का मानदेय नहीं बन सकेगा। ‘ स्कू  लों में अवकाश , अतिथि शिक्षकों के लिए दुखदायी होते हैं, उन्हें मानदेय नहीं मिलता। मार्च में लगभग आधे महीने का मानदेय मिलना मुश्किल है वहीं नए सत्र भी यदि समय पर शुरू नहीं हुआ तो अतिथि शिक्षकों को कुछ नहीं मिलेगा जिससे उनके सामने रोजीन्-रोटी का संकट खड़ा होगा। ’सुनील परिहार, प्रातांध्यक्ष अतिथि शिक्षक समन्वय समिति

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