नये साल में MP को मिल सकता है नया PCC चीफ, रेस में ये नाम सबसे आगे

भोपाल. नये साल 2020 में मध्य प्रदेश (Madhya pradesh) को नया कांग्रेस अध्यक्ष (pcc chief) मिल सकता है. वैसे तो कई नामों की चर्चा है लेकिन रेस में सबसे आगे ज्योतिरादित्य सिंधिया (jyotiraditya scindia) चल रहे हैं.हाईकमान नए साल में नए पीसीसी चीफ के नाम का ऐलान कर सकता है. अभी मुख्यमंत्री कमलनाथ (kamalnath) दोहरी जिम्मेदारी निभा रहे हैं. वो पीसीसी चीफ भी हैं.

साल 2019 में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद पर नयी नियुक्ति और नामों की चर्चा ज़ोरों पर रही.मामला दिल्ली भी पहुंचा, लेकिन प्रदेश कांग्रेस को नया अध्यक्ष नहीं मिल पाया.सबसे ज़्यादा चर्चा ज्योतिरादित्य सिंधिया के नाम की रही. अब नए साल में प्रदेश कांग्रेस को नया अध्यक्ष मिलने की पूरी उम्मीद है. पार्टी आलाकमान ज्योतिरादित्य सिंधिया सहित तमाम नामों पर मंथन कर रहा है.

कमलनाथ पर दोहरी ज़िम्मेदारी

विधानसभा चुनाव पीसीसी चीफ कमलनाथ की अध्यक्षता में लड़ा गया और कांग्रेस को जीत भी मिली. मुख्यमंत्री कमलनाथ बने लेकिन पार्टी आलाकमान ने उन्हें पीसीसी चीफ की ज़िम्मेदारी से मुक्त नहीं किया. हालांकि इस बीच नये नाम को लेकर पार्टी में ज़बरदस्त गुटबाज़ी होती रही. सिंधिया से लेकर तमाम बड़े नेताओं के समर्थक खुलकर सामने आए. बंगलों पर मीटिंग का दौर चला. सिंधिया समर्थक मंत्रियों ने तो हर मंच से उनका नाम आगे बढ़ाया. पीसीसी दफ़्तर सहित कई जगह पोस्टर भी लगाए गए. मामला दिल्ली पहुंचा. सीएम कमलनाथ ने हाइकमान से बातचीत की, लेकिन हाईकमान ने कमलनाथ को ही जिम्मेदारी निभाने के लिए कहा. पूरा साल गुजर गया और सरकार भी 1 साल की हो गयी.

इन नामों की चर्चा

नए प्रदेश अध्यक्ष के लिए कई नामों की चर्चा है. इनमें ज्योतिरादित्य सिंधिया, विधायक कांतिलाल भूरिया, बिसाहूलाल सिंह, पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह, पूर्व मंत्री रामनिवास रावत, गृह मंत्री बाला बच्चन और वन मंत्री उमंग सिंघार के नाम शामिल हैं. सिंधिया के लोकसभा चुनाव हारने के बाद से ही उन्हें प्रदेश अध्यक्ष बनाने की मांग तेज़ हो गयी. उनके समर्थक मंत्री, विधायक, पदाधिकारी लगातार उन्हें महत्वपूर्ण जिम्मेदारी देने की मांग उठाते रहे हैं.

भूरिया-अजय सिंह भी रेस में

पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह खेमे की तरफ से विधानसभा उपचुनाव जीतने वाले कांतिलाल भूरिया को एक बार फिर यह जिम्मेदारी देने के लिए दबाव डाला जा रहा है. भूरिया पहले भी पीसीसी चीफ रह चुके हैं.मुख्यमंत्री कमलनाथ के विश्वस्त बाला बच्चन भी इस दौड़ में लगातार बने हुए हैं. उनके नाम की चर्चा मुख्यमंत्री समर्थक करते रहे हैं. विधानसभा और लोकसभा चुनाव हारने के बाद पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह के नाम की चर्चा भी बनी हुई है. अजय सिंह भी पीसीसी चीफ की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं.प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने के लिए एक साल में अप्रत्यक्ष तौर पर कई बार शक्ति प्रदर्शन हो चुके हैं.

हाईकमान लेगा फैसला

कांग्रेस नेता मानक अग्रवाल ने बताया कि तमाम नामों को लेकर चर्चा होती है. लेकिन आखिरी फैसला पार्टी हाईकमान ही लेगा.पार्टी सूत्रों का कहना है कि हाईकमान की कोशिश संगठन और सरकार के बीच समन्वय स्थापित करने वाले नेता को ये जिम्मेदारी देने की है. क्योंकि संगठन को लेकर भी कई बार मतभेद सामने आ चुके हैं. सरकार में वैसे ही कई मतभेद पहले उजागर हो चुके हैं. ऐसे में कोशिश है कि ऐसे नेता को चुना जाए जो संगठन को मजबूत करने के साथ सरकार के साथ समन्वय बनाकर काम कर सके.

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