
उन्होंने कहा, ‘काउंटी क्रिकेट में वोरसेस्टरशर के लिए खेलते हुए उन्होंने जो सफलता हासिल की, उसने उनके करियर को फिर से परिभाषित किया और इसने उन्हें कंफर्टेबल जोन में ला दिया।’ जहीर ने अक्टूबर 2000 में केन्या के खिलाफ वनडे मैच से इंटरनैशनल क्रिकेट में डेब्यू किया था।
टीम इंडिया में अंदर-बाहर होते रहे जहीर खान
वो 2003 वर्ल्ड कप में आशीष नेहरा और जवागल श्रीनाथ के साथ भारतीय तेज गेंदबाजी आक्रमण का हिस्सा भी थे। हालांकि उसके बाद जहीर की फॉर्म बिगड़ती गई और वो चोटों से भी घिर गए और टीम से बाहर हो गए। उन्होंने 2004 में वापसी की लेकिन स्पीड और कंसिस्टेंसी में कमी देखी गई। जिसके कारण आरपी सिंह, इरफान पठान, मुनाफ पटेल और श्रीसंत टीम में आ गए और जहीर फिर से भारतीय टीम से बाहर हो गए। जहीर ने हालांकि इसके बाद काउंटी क्रिकेट में वोरसेस्टरशर के लिए खेलना शुरू किया। उन्होंने काउंटी के लिए डेब्यू करते हुए 10 विकेट चटकाए।