ग्लेन मैक्सवेल को रोकना विपक्षी टीमों के लिए क्यों है नामुमकिन, सुनील गावस्कर ने बताया

राजस्थान के पास आठ अंक हासिल करने वाली चार टीमों में से आगे निकलकर मजबूत कदम बढ़ाने का बेहतरीन मौका था जो उसने हैदराबाद के खिलाफ गंवा दिया। ये निराशाजनक है कि एक बार फिर शानदार कप्तानी पारी खेलने वाले संजू सैमसन को राजस्थान के साथी खिलाडि़यों से कोई सहयोग नहीं मिला। मध्यक्रम ने टीम को नीचा दिखाने का काम किया, जहां बल्लेबाज गैप में खेलने की बजाय बड़े शाट लगाने के पीछे भागते नजर आए। नए बल्लेबाज क्रीज पर उतरते हैं तो थकान उन पर हावी नहीं होती ऐसे में तेज रनिंग की जा सकती है, लेकिन इसकी बजाय आते ही छक्के लगाकर सीटियां और तालियां बटोरने की मंशा क्रिकेट की समझ को पीछे धकेल देती है।

मौजूदा क्रिकेट में कितने ऐसे खिलाड़ी हैं जो क्रीज पर उतरने के बाद पहली ही गेंद को छक्के के लिए भेज सकते हैं? यूनिवर्स बास क्रिस गेल, कीरोन पोलार्ड, आंद्रे रसेल और जोस बटलर। ऐसे गिनती के ही नाम दिमाग में आते हैं जो ऐसा कर सकते हैं। ये खिलाड़ी मजबूत कद-काठी और ताकत से पूर्ण हैं इसलिए आसानी से ऐसा कर पाते हैं लेकिन बाकी खिलाड़ियों को अपनी सीमाएं समझनी होंगी और अपने खेल को शुरुआती गियर से शुरू करना होगा। न कि सीधे टाप गियर में जाना होगा।

हैदराबाद के खिलाफ चेतन साकरिया को 12वें ओवर से पहले गेंदबाजी आक्रमण पर न लगाकर संजू सैमसन ने भी गलती की। बाएं हाथ का ये गेंदबाज विकेट लेने में कामयाब हो रहा है और अगर हैदराबाद की टीम के शुरुआती विकेट जल्द गिर जाते तो इस सीजन में उनके मध्यक्रम पर लगातार नजर आ रहा खौफ फिर से सामने आ सकता था। जेसन राय ने इस मैच में पदार्पण करते हुए जोरदार शाट लगाए और साहा के साथ 50 से ज्यादा रनों की ओपनिंग साझेदारी की। इसके बाद कप्तान केन विलियमसन ने टीम को वो मजबूती दी जो पूरे सत्र में नजर नहीं आई थी। विलियमसन ने शानदार अंदाज में मैच खत्म किया और इससे ये भी पता लगा कि हैदराबाद की टीम इस मैच में खुलकर खेली। अगर हैदराबाद की टीम सत्र के बचे मैचों में भी ऐसे ही खेलती है तो उसकी विपक्षी टीमों को सावधान रहना होगा।

गत चैंपियन मुंबई पर बड़ी जीत के साथ बेंगलुरु की टीम शीर्ष स्थान के करीब पहुंच गई है। ग्लेन मैक्सवेल जबरदस्त क्रिकेट खेलते नजर आ रहे हैं। ये प्रदर्शन ठीक वैसा ही है जो उन्होंने पिछली बार अपने आइपीएल पदार्पण में किया था और जब वो इस लय में खेल रहे हों तो इसका ये मतलब है कि कोई भी टीम उन्हें रोक नहीं सकती। बल्लेबाजी के साथ वो अपनी स्पिन गेंदबाजी से भी योगदान दे रहे हैं। इस दौरान न केवल रन रोकने में उन्हें कामयाबी मिली है बल्कि एक-दो विकेट भी हासिल हुए हैं। बेंगलुरु की टीम अच्छी स्थिति में है और वो भी तब जब एबी डिविलियर्स का बल्ला खामोश है इसलिए एबी ही आपको बताएंगे कि मैक्सवेल का टीम पर किस कदर प्रभाव पड़ा है। डिविलियर्स निश्चित रूप से इस बात से खुश होंगे कि फिलहाल वह आकर्षण का केंद्र नहीं हैं। इससे उन्हें खुलकर खेलने की आजादी भी मिली है और वो भी बिना किसी अपेक्षाओं के बोझ के। बेंगलुरु की टीम इस मैच में एक अतिरिक्त दिन आराम करके उतरेगी। ऐसे में अगर मैच आखिरी गेंद तक जाता है तो गर्म और उमसभरे मौसम में ये आराम बड़ा अंतर पैदा कर सकता है।

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