भोपाल। इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) की भोपाल शाखा द्वारा होटल अतिशय में रेरा, फेमा, एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग (एएमएल) और बेनामी कानून पर एक दिवसीय सेमिनार का भव्य आयोजन किया गया। इस सेमिनार में 200 से अधिक चार्टर्ड अकाउंटेंट्स, जिनमें कई नव-नियुक्त चार्टर्ड अकाउंटेंट्स भी शामिल थे, ने सक्रिय रूप से भाग लिया और बदलते विधिक परिवेश में नए अवसरों की जानकारी प्राप्त की।
कार्यक्रम की शुरुआत सुबह 10 बजे दीप प्रज्वलन, सरस्वती वंदना और आईसीएआई के मोटो गीत के साथ हुई। सचिव सीए अभिषेक जैन द्वारा मंचासीन अतिथियों का स्वागत किया गया। शाखा अध्यक्ष सीए अर्पित राय ने स्वागत भाषण देते हुए चार्टर्ड अकाउंटेंट्स के लिए सतत ज्ञानवर्धन के महत्व को रेखांकित किया।
प्रथम तकनीकी सत्र में प्रमुख वक्ता सीए विष्णु अग्रवाल ने रेरा कानून और इसके प्रभावों पर गहन विवेचना प्रस्तुत की। इस सत्र का संचालन सीए नंदन नरुला (एमसीएम, भोपाल शाखा), सीए अभय छाजेड़ (अध्यक्ष, सीसीएलईए) सहित अन्य वरिष्ठ सदस्यों द्वारा किया गया।

द्वितीय तकनीकी सत्र में “एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग (एएमएल) कानून और बेनामी लेनदेन के अंतर्संबंध” पर सीए राजेश संघवी ने विस्तृत प्रस्तुति दी। उन्होंने चार्टर्ड अकाउंटेंट्स, विशेषकर नवोदित पेशेवरों, के लिए इस क्षेत्र में उभरते परामर्श और अनुपालन के नए अवसरों को रेखांकित किया। इस सत्र का सफल संचालन सीए प्रदीप मुतरेजा (सीआईसीएएसए अध्यक्ष, भोपाल शाखा) के नेतृत्व में तथा सीए आदित्य श्रीवास्तव (उपाध्यक्ष) और सीए पीयूष चातर (कोषाध्यक्ष) के सहयोग से हुआ।
दोपहर भोज के पश्चात, तृतीय तकनीकी सत्र में फेमा नियमों पर विशेषज्ञ सीए कुसाई गोआवाला द्वारा व्याख्यान प्रस्तुत किया गया। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और वित्तीय लेनदेन में फेमा अनुपालन के बढ़ते महत्व पर प्रकाश डाला और विशेष रूप से नव-नियुक्त चार्टर्ड अकाउंटेंट्स को अंतरराष्ट्रीय परामर्श सेवाओं के नए अवसरों का लाभ उठाने के लिए प्रेरित किया।

सम्पूर्ण दिन के दौरान सभी विशिष्ट वक्ताओं को स्मृति चिन्ह भेंट किए गए तथा प्रत्येक सत्र के समापन पर सीए अभिषेक जैन द्वारा धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया।
कार्यक्रम का समापन राष्ट्रीय गान के साथ हुआ, जिसने एकता और व्यावसायिकता के संकल्प को सशक्त किया। यह सेमिनार न केवल प्रतिभागियों की तकनीकी जानकारी को समृद्ध करने में सहायक रहा, बल्कि नए और उभरते क्षेत्रों में विशेषज्ञता प्राप्त कर एक सफल करियर बनाने के लिए चार्टर्ड अकाउंटेंट्स, खासकर नई पीढ़ी के पेशेवरों, को प्रेरणा और मार्गदर्शन भी प्रदान कर गया।





