“भोपाल का भविष्य संवारने को भाजपा और क्रेडाई एक मंच पर, ‘कमाल का भोपाल’ को मिला मजबूत समर्थन”

विवेक झा, भोपाल, 8 जुलाई।
राजधानी भोपाल के समग्र और सुनियोजित विकास के लिए चल रहे ‘कमाल का भोपाल’ अभियान को भारतीय जनता पार्टी का औपचारिक समर्थन मिल गया है। इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए आज क्रेडाई भोपाल के अध्यक्ष मनोज मीक ने भाजपा जिला अध्यक्ष रवीन्द्र यति से औपचारिक भेंट की। इस अवसर पर अभियान से जुड़ी पुस्तकों की प्रतियाँ भेंट की गईं और अभियान की अब तक की प्रगति से उन्हें अवगत कराया गया।

इस भेंट के दौरान न सिर्फ राजनीतिक समर्थन के लिए आभार व्यक्त किया गया, बल्कि आगामी योजनाओं पर भी गंभीर विचार-विमर्श हुआ। दोनों ने राजधानी के भविष्य को लेकर साझा प्रतिबद्धता जाहिर की और इसे जनता के लिए एक प्रेरक अभियान करार दिया।

गौरतलब है कि कुछ दिन पूर्व मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई ‘प्रोफेशनल मीट’ के दौरान भाजपा जिला संगठन की ओर से ‘कमाल का भोपाल’ अभियान को लिखित समर्थन पत्र सौंपा गया था। आज की मुलाक़ात उसी क्रम में अगला कदम थी, जिसमें अभियान को जनांदोलन में तब्दील करने की रणनीति पर भी चर्चा की गई।

भाजपा का समर्थन – एक सकारात्मक संकेत

भाजपा के जिला अध्यक्ष रवीन्द्र यति ने इस अवसर पर कहा,

“कमाल का भोपाल अभियान राजधानी की सकारात्मक ब्रांडिंग और उसके खोए हुए नेतृत्व को पुनर्स्थापित करने की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल है। हम इसे राजधानी की जनता की आकांक्षाओं से जुड़ा एक प्रेरक प्रयास मानते हैं और इसमें पूर्ण निष्ठा के साथ भागीदार हैं।”

रवीन्द्र यति ने राजधानी को एआई लाइटहाउस और लॉजिस्टिक हब के रूप में विकसित करने की सोच की भी सराहना की और कहा कि भाजपा संगठन हर स्तर पर इस विकास अभियान में सहभागी रहेगा।

क्रेडाई की भूमिका और नेतृत्व

क्रेडाई भोपाल के अध्यक्ष मनोज मीक ने बताया कि

“‘कमाल का भोपाल’ केवल एक शहरी सुधार अभियान नहीं, बल्कि राजधानी के लिए सामूहिक जागरूकता, संकल्प और क्रियान्वयन की प्रक्रिया है। राजनीतिक, प्रशासनिक और सामाजिक भागीदारी से ही हम भोपाल को वैश्विक पहचान दिला सकते हैं। भाजपा का समर्थन हमारे लिए न सिर्फ संबल है, बल्कि दिशा भी तय करता है।”

ग्रोथ कॉन्क्लेव और नीति संवाद की तैयारी

भेंट के दौरान ‘एमपी ग्रोथ कॉन्क्लेव 2025’ की तैयारियों, आमंत्रित प्रतिनिधिमंडलों और राज्य सरकार के साथ संभावित नीति संवाद को लेकर भी विस्तार से चर्चा हुई। यह तय किया गया कि अभियान के अगले चरण में सार्वजनिक भागीदारी को और अधिक सशक्त बनाया जाएगा।

साझा उद्देश्य की ओर बढ़ते कदम

‘कमाल का भोपाल’ अब एक व्यक्ति या संस्था का नहीं बल्कि समूची राजधानी का साझा सपना बन चुका है। इसमें न केवल राजनेता और बिल्डर संगठन, बल्कि आम नागरिक, विशेषज्ञ और नीति-निर्माता भी शामिल हो रहे हैं।
यह अभियान भोपाल को स्मार्ट सिटी से आगे ले जाकर उसे एक वैश्विक शहर के रूप में स्थापित करने की दिशा में तेज़ी से आगे बढ़ रहा है।

‘कमाल का भोपाल’ को राजनीतिक समर्थन मिलने के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि राजधानी के भविष्य को लेकर अब विभिन्न पक्ष एकमत हैं। साझा संवाद, नीति सहभागिता और नागरिक सहयोग के जरिए यह पहल राजधानी के नव निर्माण की आधारशिला बन सकती है।

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