इंदौर 8वीं बार भारत का सबसे स्वच्छ शहर, नवी मुंबई तीसरे स्थान पर

 इंदौर/ भोपाल 

सरकार के वार्षिक स्वच्छता सर्वेक्षण में इंदौर लगातार आठवीं बार सबसे स्वच्छ शहरों में शीर्ष स्थान पर रहा, उसके बाद सूरत और नवी मुंबई का स्थान रहा. स्वच्छ सर्वेक्षण के नतीजे गुरुवार को घोषित किए गए.3-10 लाख जनसंख्या वर्ग में उत्तर प्रदेश का नोएडा सबसे स्वच्छ शहर रहा, उसके बाद चंडीगढ़ और मैसूर का स्थान रहा.

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने नई दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में विजेताओं को स्वच्छ सर्वेक्षण 2024-25 के पुरस्कार प्रदान किए.केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्री मनोहर लाल और अन्य लोग इस कार्यक्रम में शामिल हुए.सुपर स्वच्छ लीग सिटी में दूसरे पायदान पर रहा उज्जैन: स्वच्छता के लिए महापौर- निगम कमिश्नर को राष्ट्रपति ने दिया अवॉर्ड

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देशभर के स्वच्छता मिशन में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले शहरों को आज सम्मानित किया। मध्यप्रदेश के आठ शहरों को अलग-अलग श्रेणियों में यह पुरस्कार मिला है।

कार्यक्रम नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में आयोजित किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में राष्ट्रपति उज्जैन को सुपर लीग श्रेणी में दूसरे स्थान पर आने के लिए पुरस्कार प्रदान करेंगी। इसके अलावा इंदौर, देवास, शाहगंज और बुधनी को भी स्वच्छता के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए राष्ट्रपति के हाथों सम्मानित किया जाएगा।

इंदौर ने आठवीं बार मारी बाजी, फिर बना देश का सबसे साफ शहर

स्वच्छता सर्वेक्षण आ गया है। लगातार आठवीं बार इंदौर देश का सबसे स्वच्छ शहर बना है। गुरुवार को स्वच्छ सर्वेक्षण 2024 के नतीजे घोषित किए गए हैं। इसमें पहले स्थान पर इंदौर है। वहीं, दूसरे नंबर पर सूरत और तीसरे नंबर पर नवी मुंबई है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इंदौर को स्वच्छता का सर्वोच्चय सम्मान दिया है। इंदौर शहर लगातार आठवीं बार देश का सबसे साफ शहर बना है। इसे लेकर प्रदेश में खुशी की लहर है। वहीं, देश की सबसे स्वच्छ राजधानी भोपाल है।
इंदौर ने फिर लहराया है परचम

वहीं, इंदौर ने एक बार फिर देश में स्वच्छता का परचम लहराया है। स्वच्छ सर्वेक्षण 2024 के नतीजे आज दिल्ली में घोषित किए गए हैं। इंदौर पिछले 7 सालों से लगातार सबसे स्वच्छ शहर चुना जा रहा है। आठवीं बार वह नंबर वन बना है। इंदौर नगर निगम और वहां के सफाईकर्मियों ने इसके लिए काफी मेहनत की है। साथ ही आमलोगों में भी स्वच्छता को लेकर जागरूकता पैदा की है।
सुपर स्वच्छ लीग में भी नंबर वन इंदौर

इस बार स्वच्छता सर्वेक्षण में सुपर स्वच्छ लीग रखा गया था। इसमें इंदौर नंबर वन बना है। दूसरे नंबर पर सूरत है और तीसरे नंबर नवी मुंबई है। विजयवाड़ा चौथे नंबर पर है। इंदौर के मेयर पुष्यमित्र भार्गव ने राष्ट्रपति के हाथों अवार्ड लिया है।

शहर के लोगों को दी बधाई

इसके साथ ही मेयर पुष्यमित्र भार्गव ने इजराइल से एक वीडियो संदेश में शहरवासियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि इस बार जो नतीजे आए हैं, उसमें इंदौर फिर से सिरमौर है। भारत सरकार ने इंदौर जैसे शहरों को अलग लीग में रखा था। इसके बावजूद इंदौर सबसे ऊपर रहा।

स्वच्छता का मॉडल बन गया है इंदौर

इंदौर अब दूसरे शहरों के लिए स्वच्छता का मॉडल बन गया है। यह शहर अब दूसरों को स्वच्छता का पाठ पढ़ाएगा। सुपर लीग में शामिल 23 शहरों में भी इंदौर के अंक सबसे ज्यादा हैं। निगमायुक्त शिवम वर्मा के नेतृत्व में इंदौर नगर निगम की टीम दिल्ली में है। मेयर पुष्यमित्र भार्गव भी वहां पहुंच गए हैं।

2017 से लगातार नंबर वन

इंदौर 2017 से लगातार पहले नंबर पर आ रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इंदौर की तारीफ कर चुके हैं। उन्होंने कहा था कि दूसरे शहर जब कुछ करने का सोचते हैं, तब तक इंदौर वह काम कर चुका होता है। यह बात स्वच्छता को लेकर बिल्कुल सही साबित हुई है। इंदौर के जनभागीदारी मॉडल की पूरे देश में तारीफ होती है। नवाचारों की सीरीज, आपसी समन्वय और कुछ नया करने का जज्बा ही इंदौर को दूसरे शहरों से आगे रखता है।

इन श्रेणियों में मिलेंगे अवॉर्ड

    सुपर स्वच्छ लीग शहर
    जनसंख्या के अनुसार शीर्ष शहर (5 श्रेणियों में)
    स्वच्छ शहर
    विशेष श्रेणी: गंगा शहर, छावनी बोर्ड
    सफाई मित्र सुरक्षा
    महाकुंभ
    राज्य स्तरीय पुरस्कार

उज्जैन को 3 से 10 लाख जनसंख्या वाले शहरों की श्रेणी में अवॉर्ड मिलेगा। निगमायुक्त आशीष पाठक ने बताया कि, इस बार हमने स्वच्छता मिशन के मानकों के अनुसार एसओपी (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर) को बेहतर ढंग से अपनाया। यही कारण है कि उज्जैन को यह सम्मान मिला है।

सबसे स्वच्छ शहरों में इंदौर, उज्जैन और बुधनी को सुपर स्वच्छ लीग में शामिल किया गया है। जबलपुर को स्पेशल कैटेगरी और ग्वालियर को राज्य स्तरीय सम्मान प्राप्त होगा। कार्यक्रम की अध्यक्षता राष्ट्रपति मुर्मू करेंगी और मंच पर कई मंत्री उपस्थित रहेंगे।

क्या है सुपर स्वच्छ लीग कैटेगरी?

    इस श्रेणी में वो शहर शामिल होते हैं जो बीते 3 वर्षों में उत्कृष्ट रहे हों। इंदौर, उज्जैन और बुधनी ने लगातार बेहतर प्रदर्शन कर इस श्रेणी में जगह बनाई है। इंदौर लगातार सातवीं बार देश का सबसे स्वच्छ शहर बनने की दौड़ में है। इसके साथ ही इंदौर का मुकाबला सूरत और पुणे जैसे टॉप शहरों से है।

भोपाल टॉप 3 में, दूसरी रैंक की पूरी उम्मीद

इस बार राजधानी भोपाल टॉप-3 स्वच्छ शहरों की सूची में जगह बना चुकी है। पिछले साल भोपाल 5वें स्थान पर था, इस बार उसके दूसरे स्थान पर आने की संभावना है। स्वच्छता में सुधार, डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन और जीआईएस के चलते मजबूत दावा। GIS के दौरान किए गए 100 करोड़ से अधिक के कार्यों का लाभ मिल सकता है।

ऐसे समझिए पूरी खबर

    MP के 8 शहरों को स्वच्छता अवॉर्ड मिलेंगे सबसे ज्यादा किसी राज्य से।

    राष्ट्रपति मुर्मू नई दिल्ली में देंगी अवॉर्ड, प्रमुख नेता भी रहेंगे मौजूद।

    इंदौर सुपर लीग में नंबर-1 की दौड़ में सबसे आगे।

    भोपाल टॉप-3 में, दूसरी रैंक मिलने की पूरी उम्मीद।

    कचरा मुक्त शहरों की रेटिंग और ODF++/Water+ नतीजे भी आज घोषित होंगे।

स्वच्छता अवार्ड में इस बार नया क्या

2023 में मध्यप्रदेश को कुल 18 अवॉर्ड मिले थे। इस बार राज्य को 20 पुरस्कार तक मिलने की संभावना जताई जा रही है। स्वच्छता सर्वेक्षण के तहत स्टार रेटिंग, ओडीएफ++ और वॉटर प्लस के नतीजे भी आज जारी होंगे।
भोपाल, इंदौर और उज्जैन के मेयर, मंत्री और अधिकारी दिल्ली में मौजूद रहेंगे।
MP कैसे बना स्वच्छता का गढ़?

लगातार प्रयासों से शहरों की सफाई व्यवस्था में बड़ा सुधार हुआ है। सभी शहरों ने कचरा प्रबंधन, वेस्ट प्रोसेसिंग और नागरिक सहभागिता पर काम किया। इंदौर जैसे शहरों ने डिजिटल ट्रैकिंग, स्वच्छता वॉलंटियर्स और जागरूकता अभियानों पर जोर दिया। हर स्तर पर स्थानीय प्रशासन की सक्रिय भूमिका रही है।

क्या होता है स्वच्छता सर्वे, कैसे मिलती है रैंकिंग?

स्वच्छता सर्वेक्षण भारत सरकार की एक राष्ट्रीय स्तर की पहल है, जिसे केंद्रीय आवास और शहरी मामलों का मंत्रालय (MoHUA) हर साल आयोजित करता है। इसका उद्देश्य देश के सभी शहरों और नगरपालिकाओं को स्वच्छता के मानकों पर परखना और उन्हें रैंकिंग देना है, जिससे शहरों में स्वच्छता को लेकर प्रतिस्पर्धा बढ़े और आम नागरिकों में जागरूकता आए।

इस सर्वे की शुरुआत 2016 में हुई थी और यह स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) के अंतर्गत आता है। सर्वेक्षण में मुख्य रूप से कचरा प्रबंधन, सफाई व्यवस्था, नागरिकों की भागीदारी, और शौचालयों की स्थिति जैसी बातों का मूल्यांकन किया जाता है। इसके तहत कई मापदंडों पर शहरों की जांच की जाती है जैसे:

    डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण
    गीले और सूखे कचरे का अलग-अलग संग्रहण और प्रोसेसिंग
    खुले में शौच से मुक्ति (ODF) स्थिति
    सार्वजनिक स्थानों की स्वच्छता
    नागरिकों की फीडबैक और संतुष्टि
    शहरों को तीन प्रमुख भागों में मिले स्कोर के आधार पर रैंक दी जाती है:
    सर्वेक्षण टीम द्वारा फील्ड में मूल्यांकन (Field Assessment)
    शहर द्वारा प्रस्तुत दस्तावेज़ और डेटा (Service Level Progress)
    नागरिकों से ऑनलाइन या कॉल के माध्यम से लिया गया फीडबैक (Citizen Feedback)

हर साल लाखों लोग इस सर्वेक्षण में भाग लेते हैं और यह एक तरह से शहरों की “स्वच्छता रिपोर्ट कार्ड” बन गई है। इससे न केवल स्वच्छता में सुधार होता है, बल्कि प्रतिस्पर्धात्मक भावना के कारण नगर निगमों और स्थानीय निकायों में जवाबदेही भी बढ़ती है।

स्वच्छता सर्वेक्षण की रैंकिंग मिलने के बाद शहरों को विभिन्न श्रेणियों में पुरस्कार भी दिए जाते हैं, जैसे “भारत का सबसे स्वच्छ शहर” सबसे तेजी से सुधार करने वाला शहर आदि। इस बार सुपर स्वच्छ लीग भी अलग कैटेगरी बनाई गई है, जिसमें इंदौर सूरत पुणे का नाम शामिल है।

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