निजी बैंकों का राष्ट्रीयकरण करो — राजधानी भोपाल में बैंक कर्मियों का इंकलाबी प्रदर्शन

विवेक झा, भोपाल, 14 अक्टूबर 2025।
राजधानी भोपाल की बैंक स्ट्रीट आज शाम नारेबाजी और बैनरों से गूंज उठी, जब सैकड़ों बैंक कर्मचारियों ने निजी बैंकों में कार्यरत कर्मियों की समस्याओं को लेकर इंकलाबी प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन ऑल इंडिया बैंक एम्प्लाईज एसोसिएशन (AIBEA) के राष्ट्रव्यापी आह्वान पर मध्य प्रदेश बैंक एम्प्लाईज एसोसिएशन की भोपाल इकाई द्वारा आयोजित किया गया।

प्रदर्शन स्थल महाराणा प्रताप नगर, जोन-2, बोर्ड ऑफिस चौराहा के पास फेडरल बैंक शाखा के सामने रहा, जहां राजधानी की विभिन्न बैंकों से जुड़े कर्मचारी एकजुट होकर निजी बैंकों के राष्ट्रीयकरण और कर्मचारियों के अधिकारों की रक्षा की मांग कर रहे थे।

सभा की अध्यक्षता वी. के. शर्मा ने की, जबकि दीपक रत्न शर्मा, मोहम्मद नजीर कुरैशी, जे. पी. झवर, गुणशेखरन, भगवान स्वरूप कुशवाहा, देवेंद्र खरे, विशाल धमेजा, सत्येंद्र चौरसिया, सतीश चौबे, राजीव उपाध्याय, एस. के. घोटनकर, महेंद्र गुप्ता, अमित गुप्ता, वैभव गुप्ता, प्रदीप बगेले, सुनील देसाई, राम चौरसिया, राशि सक्सेना और शिवानी शर्मा समेत अनेक बैंक नेताओं ने कर्मचारियों को संबोधित किया।

मुख्य मांगें और मुद्दे

सभा में वक्ताओं ने निजी क्षेत्र के बैंक कर्मियों की निम्न प्रमुख मांगों को सरकार तक पहुंचाने का संकल्प दोहराया:

  • सभी निजी बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया जाए।

  • नियमित लिपिक एवं सब-स्टाफ संवर्ग में पर्याप्त भर्ती की जाए।

  • फेडरल बैंक में उत्पीड़न पर रोक लगाई जाए।

  • सीएसबी बैंक में लंबित वेतन समझौता शीघ्र किया जाए।

  • निजी बैंकों के पेंशनभोगियों को भी सरकारी बैंकों की तरह एक्सग्रेशिया (अनुग्रह राशि) दी जाए।

  • नैनीताल बैंक को न बेचा जाए, बल्कि इसका विलय बैंक ऑफ बड़ौदा में किया जाए।

  • तमिलनाडु मर्केंटाइल बैंक में सेवानिवृत्ति आयु 58 से बढ़ाकर 60 वर्ष की जाए।

  • सभी C2C कर्मचारियों को नियमित कर्मचारी के रूप में परिवर्तित किया जाए।

  • निजी बैंकों के पेंशन फंड को सीबीडीटी से कर छूट दी जाए।

वक्ताओं के बयान

सभा को संबोधित करते हुए वी. के. शर्मा ने कहा कि सरकारी क्षेत्र के बैंक देश के आर्थिक विकास और रोजगार सृजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। ऐसे में “राष्ट्रहित में सभी निजी बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया जाना आवश्यक है।”

दीपक रत्न शर्मा ने कहा कि निजी बैंकों में लगातार शाखाओं और कारोबार का विस्तार हो रहा है, लेकिन इसके अनुरूप भर्ती नहीं की जा रही। “कर्मचारियों पर काम का असहनीय बोझ बढ़ गया है, जिससे ग्राहक सेवा प्रभावित हो रही है,” उन्होंने कहा।

मोहम्मद नजीर कुरैशी ने फेडरल बैंक में हो रहे उत्पीड़न पर चिंता जताते हुए कहा कि “जो कर्मचारी अन्याय के खिलाफ आवाज उठाते हैं, उन्हें प्रबंधन द्वारा प्रताड़ित किया जा रहा है, जिसे तुरंत रोका जाना चाहिए।”

जे. पी. झवर और गुणशेखरन ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने मांगों पर विचार नहीं किया, तो 10 दिसंबर 2025 को नई दिल्ली में संसद के सामने विशाल धरना और जनवरी 2026 में राष्ट्रव्यापी बैंक हड़ताल आयोजित की जाएगी।

कर्मचारियों में उत्साह और एकजुटता

बैंक कर्मचारियों ने हाथों में बैनर और तख्तियां लेकर “निजी बैंक राष्ट्रीयकरण करो”, “भर्ती दो – शोषण रोको”, “पेंशन हमारा अधिकार है” जैसे नारे लगाए। माहौल में उत्साह और एकता का संदेश स्पष्ट दिखाई दिया।

प्रदर्शन और सभा में वी. के. शर्मा, दीपक रत्न शर्मा, मोहम्मद नजीर कुरैशी, जे. पी. झवर, गुणशेखरन, भगवान स्वरूप कुशवाहा, देवेंद्र खरे, विशाल धमेजा, सत्येंद्र चौरसिया, सतीश चौबे, राजीव उपाध्याय, एस. के. घोटनकर, महेंद्र गुप्ता, अमित गुप्ता, वैभव गुप्ता, प्रदीप बगेले, सुनील देसाई, राम चौरसिया, राशि सक्सेना, शिवानी शर्मा, पी. के. श्रीवास्तव, अमित प्रजापति, कैलाश पतकी, सुदेश कल्याणे, मोहन कल्याणे, रोहित सुरेश नायर, भागवत सिंह वर्मा, रश्मि पांडे, जितेंद्र चोइथानी, डी. के. सिंह, लीला किशन, शैलेंद्र नरवरे सहित बड़ी संख्या में बैंककर्मी उपस्थित थे।

कार्यक्रम के अंत में कर्मचारियों ने यह संकल्प लिया कि जब तक उनकी जायज़ मांगों पर सरकार ध्यान नहीं देती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
सभा का संचालन मध्य प्रदेश बैंक एम्प्लाईज एसोसिएशन, भोपाल इकाई के महासचिव वी. के. शर्मा ने किया और उन्होंने कहा—

“हमारी लड़ाई केवल बैंक कर्मियों की नहीं, बल्कि देश के आर्थिक स्वाभिमान की लड़ाई है।”


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