भोपाल। बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के खिलाफ कथित तौर पर हो रहे अत्याचारों और हिंसक घटनाओं को लेकर अब यह मुद्दा अंतरराष्ट्रीय मंच तक पहुंचने लगा है। इसी क्रम में भोपाल किराना व्यापारी महासंघ के अध्यक्ष सुनील कुमार त्रिहान (सुनील पंजाबी) ने अमेरिका के राष्ट्रपति Donald Trump को एक औपचारिक पत्र लिखकर बांग्लादेश में हो रही घटनाओं पर चिंता जताई है और तत्काल कार्रवाई की मांग की है।
23 दिसंबर 2025 को लिखे गए इस पत्र में सुनील कुमार त्रिहान ने कहा है कि पूरी दुनिया इस बात की साक्षी है कि बांग्लादेश में हिंदू समुदाय को निशाना बनाया जा रहा है। विभिन्न रिपोर्टों और समाचारों के अनुसार, वहां कट्टरपंथी और उग्र तत्वों द्वारा हिंदुओं के खिलाफ हिंसा की घटनाएं सामने आ रही हैं। पत्र में विशेष रूप से यह उल्लेख किया गया है कि इन घटनाओं का सबसे गंभीर असर महिलाओं और बच्चों पर पड़ रहा है। बहनें, बेटियां और माताएं भय और असुरक्षा के माहौल में जीवन जीने को मजबूर हैं।
पत्र में यह भी कहा गया है कि अमेरिका वैश्विक स्तर पर मानवाधिकारों का समर्थक रहा है और अमेरिकी सरकार अक्सर यह स्पष्ट रुख अपनाती रही है कि जहां भी मानवता के खिलाफ अत्याचार होते हैं, वहां वह चुप नहीं रहती। ऐसे में बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हो रही हिंसा पर अमेरिका की चुप्पी को लेकर भारत सहित कई देशों में सवाल उठाए जा रहे हैं। लोगों के मन में यह जानने की जिज्ञासा है कि इस गंभीर मुद्दे पर अमेरिका की ओर से अब तक कोई ठोस प्रतिक्रिया क्यों नहीं आई है।
सुनील पंजाबी ने पत्र के माध्यम से अमेरिकी राष्ट्रपति से अपील की है कि वे इस मामले में हस्तक्षेप करें और बांग्लादेश सरकार पर दबाव बनाकर वहां अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित कराएं। उन्होंने कहा कि यह केवल किसी एक देश या समुदाय का मामला नहीं है, बल्कि यह मानवता और मानवाधिकारों से जुड़ा हुआ गंभीर विषय है।
पत्र के अंत में उन्होंने स्वयं को भारत का नागरिक बताते हुए यह स्पष्ट किया कि उनकी यह अपील किसी राजनीतिक उद्देश्य से नहीं, बल्कि मानवीय आधार पर की गई है। उन्होंने उम्मीद जताई कि विश्व का एक प्रमुख लोकतांत्रिक देश होने के नाते अमेरिका इस मुद्दे पर संवेदनशीलता दिखाएगा और निर्दोष लोगों की जान बचाने के लिए आवश्यक कदम उठाएगा।
उल्लेखनीय है कि सुनील पंजाबी भोपाल किराना व्यापारी महासंघ के अध्यक्ष हैं और सामाजिक व नागरिक मुद्दों पर मुखर होकर अपनी बात रखने के लिए जाने जाते हैं। उनके इस पत्र के बाद यह मामला स्थानीय स्तर से निकलकर अंतरराष्ट्रीय चर्चा का विषय बनता दिख रहा है।




