‘मृतक वोटर’ सबसे ज्यादा जबलपुर में, भोपाल-इंदौर में नामों की कटाई अधिक, 8.65 लाख को नोटिस

भोपाल
 मध्य प्रदेश में मतदाता सूची के शुद्धीकरण के लिए 22 साल बाद हुए विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के दूसरे चरण में मंगलवार को सभी 71,930 मतदान केंद्रों पर मतदाता सूची के प्रारूप का प्रकाशन किया गया। अलग-अलग श्रेणियों में 42,74,160 मतदाताओं के नाम सूची से हटाए गए हैं।

इनमें अधिकतर शहरी क्षेत्रों के हैं। इनमें 22,78,393 वे मतदाता सर्वाधिक शामिल है, जो स्थायी रूप से स्थानांतरित हो चुके हैं। अब प्रदेश में 23 दिसंबर 2025 की स्थिति में 5,31,31,983 मतदाता रह गए हैं। इनमें 8,65,832 वे मतदाता भी शामिल हैं, जिन्होंने गणना पत्रक अधूरे जमा किए हैं। उन्हें पत्रक में सुधार का मौका दिया गया है।

 राज्य में कुल 5 करोड़ 74 लाख 6 हजार 143 निर्वाचकों में से 5 करोड़ 31 लाख 31 हजार 983 मतदाताओं ने अपने गणना प्रपत्र जमा किए हैं। इसमें 8 लाख 65 हजार ‘नो-मैपिंग’ वाले मतदाता भी शामिल हैं। निर्वाचन आयोग ने मतदाताओं को पांच श्रेणियों (कैटेगरी) में विभाजित कर आंकड़े जारी किए हैं। इनमें नो-मैपिंग कैटेगरी में भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर चारों महानगर शीर्ष पर हैं।

इंदौर में हटाए गए 4 लाख से ज्यादा नाम

इंदौर जिले की मतदाता सूची में एसआईआर के बाद मतदाता संख्या में बड़ी गिरावट दर्ज हुई है। पहले जिले में कुल 28 लाख 67 हजार 268 मतदाता थे। सत्यापन के बाद मतदाताओं की संख्या घटकर 24 लाख 16 हजार रह गई। 4 लाख 51 हजार 218 मतदाताओं का सत्यापन नहीं हो पाया। इन मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हटने की स्थिति में है। तारीख दो बार बढ़ने से 75 हजार 467 मतदाताओं को राहत मिली है। दोबारा सत्यापन के बाद ये मतदाता सूची में बने रह सके। विभागीय रिपोर्ट के अनुसार, 84.26 फीसद सत्यापन पूरा हो चुका है, शेष 15.74 फीसद मतदाताओं के नाम हटना तय माना जा रहा है।

गोविंदपुरा में 97 हजार और नरेला में 81 हजार वोटरों के नाम सूची से हटाए

भोपाल की अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों में वोटर कटने के आंकड़े असमान रहे हैं. सबसे ज्यादा असर गोविंदपुरा और नरेला विधानसभा क्षेत्र में देखा गया है. गोविंदपुरा में जहां 97 हजार से ज्यादा वोटरों के नाम सूची से हटाए गए हैं, वहीं नरेला में 81 हजार से अधिक मतदाता कम हुए हैं. इसके अलावा भोपाल मध्य, उत्तर, दक्षिण-पश्चिम, हुजूर और बैरसिया विधानसभा क्षेत्रों में भी बड़ी संख्या में वोटरों के नाम कटे हैं.

खंडवा में 86193 मतदाताओं के नाम कटे

खंडवा जिले में में एसईआर के पहले चरण का काम पूरा हो गया है। 27 अक्टूबर 2025 को यहां की चारों विधानसभाओं में 10 लाख 29 हजार 806 मतदाता थे। लेकिन, अब सर्वे के बाद 9 लाख 43 हजार 613 मतदाता शेष हैं। यानी 86 हजार 193 मतदाता कम दर्ज हुए। सबसे ज्यादा परमानेंट शिफ्टेड 50 हजार 784 मतदाता है। 18 हजार 956 मतदाता मृत पाए गए। 8 हजार 782 मतदाता डबल वोटर कार्ड वाले और 7548 मतदाताओं का कोई पता नहीं चल पाया है। खंडवा कलेक्ट्रेट में राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को मतदाता सूचियों के ड्रॉफ्ट पब्लिकेशन को सीडी और अंतरिम प्रकाशन की विधानसभा वार सूचियां दी गई हैं।

वहीं, इंदौर ऐसा एकमात्र जिला है जो सभी पांचों कैटेगरी में शामिल है। मध्य प्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी संजीव झा ने बताया कि यह पूरी प्रक्रिया राज्य के सभी 55 जिला निर्वाचन अधिकारियों, 230 निर्वाचन रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों (ERO), 532 सहायक ERO (AERO) तथा 65,014 मतदान केंद्रों पर तैनात बूथ लेवल अधिकारियों (BLO) के समन्वित प्रयासों से पूरी की गई। इस अभियान में स्वयंसेवकों और छह राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों की भी सक्रिय भागीदारी रही, जिन्होंने 1.35 लाख से अधिक बूथ लेवल एजेंट (BLA) नियुक्त किए।

42.74 लाख मतदाता नहीं मिले
आयोग के अनुसार अब्सेंट, शिफ्टेड, मृत और डुप्लीकेट कैटेगरी में प्रदेश में कुल 42 लाख 74 हजार 160 मतदाता नहीं मिले। अब इनके नाम मतदाता सूची से हटाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। हालांकि, आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि इनमें कुछ मतदाता ऐसे भी हो सकते हैं जिन्होंने समय सीमा में गणना प्रपत्र जमा नहीं किया या स्वयं पंजीकरण में रुचि नहीं ली।

आंकड़ों के अनुसार:
8.46 लाख मतदाता (1.47%) मृत पाए गए

31.51 लाख मतदाता (5.49%) अन्य राज्यों में पंजीकृत पाए गए या तीन बार घर जाने पर अनुपस्थित मिले
2.77 लाख मतदाता (0.48%) के नाम दो स्थानों पर दर्ज पाए गए, जिनमें से अब केवल एक स्थान पर नाम रखा जाएगा

नो-मैपिंग कैटेगरी में इंदौर टॉप पर
नो-मैपिंग कैटेगरी में कुल 8 लाख 65 हजार मतदाता पाए गए, जो 5.31 करोड़ गणना प्रपत्र जमा करने वाले मतदाताओं में शामिल हैं। 
जिलावार स्थिति इस प्रकार है:

इंदौर – 1,33,696
भोपाल – 1,16,925
जबलपुर – 69,394
ग्वालियर – 68,540
उज्जैन – लगभग 48,000

क्या है ‘नो-मैपिंग’?
चुनाव आयोग द्वारा सभी मतदाताओं को गणना प्रपत्र दिए गए थे, जिसमें उन्हें 2003 की मतदाता सूची के अनुसार अपना वोटर आईडी नंबर या किसी रक्त संबंधी (ब्लड रिलेशन) रिश्तेदार का वोटर आईडी नंबर दर्ज करना था। जिन मतदाताओं की यह जानकारी मेल नहीं खा सकी, उन्हें नो-मैपिंग श्रेणी में रखा गया है। ऐसे मतदाताओं को अब आयोग की ओर से नोटिस जारी किया जाएगा, जिसमें उन्हें 7 दिनों के भीतर आयोग द्वारा मान्य 13 पहचान पत्रों में से किसी एक के माध्यम से अपनी पात्रता सिद्ध करनी होगी। ऐसा न करने पर उनका नाम मतदाता सूची से हटा दिया जाएगा।

दो जगह नाम वाले मतदाता: बुरहानपुर सबसे आगे
डुप्लीकेट वोटर आईडी मामलों में:
बुरहानपुर – 23,544 (पहला स्थान)
इंदौर – 22,808 (दूसरा)
धार – 14,198 (तीसरा)

सबसे कम डुप्लीकेट मतदाता:
उमरिया – 968
आगर मालवा – 985
नीमच – 1,036
भोपाल – 14,171

मृत मतदाताओं में जबलपुर टॉप पर
मृत पाए गए मतदाताओं की संख्या में:
जबलपुर – 51,357 (पहला स्थान)
इंदौर – 43,743 (दूसरा)
सागर – 36,466  (तीसरा)

सबसे कम मृत मतदाता:
पांढुर्ना – 4,981
हरदा – 5,303
निवाड़ी – 5,539

अब्सेंट मतदाता में इंदौर टॉप पर – बता दें अब्सेंट मतदाता यानी जिनके पते पर तीन बार जाने के बावजूद वह नहीं मिले। 
अब्सेंट पाए गये मतदाताओं की संख्या में:
इंदौर- 1, 75, 425 (पहला स्थान)
भोपाल-1,01,503  (दूसरा)
जबलपुर- 66,678 (तीसरा)

सबसे कम अब्सेंट मतदाता: 
अलीराजपुर- 672
पाढूंर्ना- 1372
आगर मालवा- 1734 

शिफ्टेड मतदाता में भोपाल टॉप पर – जो दूसरे राज्यों में शिफ्ट हो गए और वहां अपना वोटर आईडी रजिस्ट्रर करा लिया। 
शिफ्टेड मतदाताओं की संख्या में: 
भोपाल- 2, 86,661 (पहला स्थान)
इंदौर- 1,97,898   (दूसरा)
ग्वालियर- 1,48, 273 (तीसरा)

सबसे कम शिफ्टेड मतदाता:
पाढूंर्ना- 5784

युवा मतदाता जुडवा सकते हैं नाम
मुख्य निर्वाचन अधिकारीझा ने बताया कि जो युवा मतदाता 1 जनवरी 2026 को 18 वर्ष की आयु पूरी कर रहे हैं, वे ऑफलाइन या ऑनलाइन अपना नाम जुडवा सकते हैं। भारत निर्वाचन आयोग की वेबसाइट Voters.eci.gov.in पर जाकर ऑनलाइन फॉर्म-6 भरना होगा. इसके साथ ही ऑफलाइन के लिए बीएलओ से संपर्क कर सकते हैं। 

घर-घर सत्यापन, दस्तावेज जांच और ऑनलाइन डेटा मिलान
प्रशासन का कहना है कि SIR के दौरान घर-घर सत्यापन, दस्तावेज जांच और ऑनलाइन डेटा मिलान के बाद यह कार्रवाई की गई है. कलेक्टर कार्यालय के अनुसार, यह केवल पहली सूची है और आगे आपत्तियों के निराकरण के बाद अंतिम मतदाता सूची जारी की जाएगी. इस बीच, जिन मतदाताओं के नाम कटे हैं, उन्हें दावा-आपत्ति का मौका भी दिया जाएगा.

कलेक्टर कार्यालय ने जारी की SIR की पहली आधिकारिक सूची
कलेक्टर कार्यालय द्वारा जारी सूची में साफ तौर पर बताया गया है कि SIR प्रक्रिया के तहत किन-किन विधानसभा क्षेत्रों में कितने वोटर हटाए गए हैं. अधिकारियों के मुताबिक, यह प्रक्रिया चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशों के तहत की गई है. सूची सार्वजनिक होने के बाद राजनीतिक दलों ने भी अपने स्तर पर आंकड़ों का विश्लेषण शुरू कर दिया है.

 विधानसभा क्षेत्रवार कटे वोटर

    गोविंदपुरा: 97,052 वोटर कटे
    नरेला: 81,235 वोटर कटे
    भोपाल मध्य: 67,304 वोटर कटे
    भोपाल दक्षिण-पश्चिम: 63,432 वोटर कटे
    हुजूर: 65,891 वोटर कटे
    भोपाल उत्तर: 51,058 वोटर कटे
    बैरसिया: 12,903 वोटर कटे

SIR से पहले और बाद की स्थिति, नंबरिंग में आंकड़े

    SIR से पहले कुल वोटर: 21,25,908
    SIR में कटे कुल वोटर: 4,38,875
    SIR के बाद बचे वोटर: 16,87,033
    सबसे ज्यादा कटौती: गोविंदपुरा विधानसभा
    सबसे कम कटौती: बैरसिया विधानसभा

नो मैपिंग वाले मतदाता वाले जिले , जिन्हें नोटिस दिए जाएंगे

    133696 इंदौर
    116925 भोपाल
    69394 जबलपुर

एसआईआर की पहली मतदाता सूची का प्रकाशन

    प्रदेश में 42 लाख 74 हजार 160 वोटर्स कटे
    मुख्य निवार्चन पदाधिकारी संजीव कुमार झा ने दी जानकारी
    दावे आपत्ति की प्रक्रिया 22 जनवरी तक चलेगी
    फिर जांच का फेस चलेगा, 21 फरवरी को अंतिम सूची प्रकाशित होगी

22 जनवरी तक कर सके हैं दावा-आपत्तियां

अब यदि किसी को अपना नाम जुड़वाने के लिए दावा-आपत्ति करना है तो उसे फार्म छह और किसी नाम पर आपत्ति है तो फार्म सात भरना होगा। यह प्रक्रिया 22 जनवरी 2026 तक चलेगी। इसमें यदि कोई दस्तावेज के आधार पर अपने मतदाता होने की पात्रता सिद्ध करता है, तो उसका नाम अंतिम सूची में शामिल कर लिया जाएगा। दावा-आपत्तियों का निराकरण 14 फरवरी तक किया जाएगा। इसके पश्चात मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन 21 फरवरी को होगा। वहीं, अधूरे गणना पत्रक भरने वाले मतदाताओं को बुधवार से घर जाकर नोटिस दिए जाएंगे।

 

 

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