एमपी के मौसम में बदलाव, हवा का रुख बदलने से तापमान में उतार चढ़ाव

मध्य प्रदेश के मौसम में हवाओं के बदले रुख का असर दिखाई देने लगा है, दिन में धुप खिली रहती है तो शाम ढलते ही ठंडक का अहसास होने लगता है, मौसम विभाग द्वारा जारी अनुमान के मुताबिक इस समय कोई ऐसी मौसम प्रणाली दिखाई नहीं दे रही जो मध्य प्रदेश के मौसम को प्रभावित कर सकती है।

हवाओं के रुख ने बदला मौसम का मिजाज 

मध्य प्रदेश में हवा की रफ्तार कम है, हवाओं का रुख उत्तर-पूर्वी, पूर्वी एवं उत्तर-दक्षिणी है यानि इसमें बदलाव हो रहा है। हवाओं में परिवर्तन के चलते नमी आ जाती है जिसके कारण बीच-बीच में मध्य प्रदेश के आसमान पर कहीं कहीं बादल भी आ जाते हैं।

दो पश्चिमी विक्षोभ मौजूद, लेकिन ये कमजोर 

मौसम विभाग के अनुसार इस समय मध्य प्रदेश में दो पश्चिमी विक्षोभ मौजूद हैं लेकिन इनके कमजोर होने से ये मौसम को ज्यादा प्रभावित नहीं कर पा रहे,  एक पश्चिमी विक्षोभ राजस्थान के पास द्रोणिका के रूप में बना हुआ है, जबकि दूसरा पश्चिमी विक्षोभ पाकिस्तान के आसपास द्रोणिका के रूप में मौजूद है। उधर हवाओं का रुख बार-बार बदलने से तापमान में मामूली उतार-चढ़ाव दर्ज किया जा रहा है।

ऐसा रहा पिछले 24 घंटों का हाल 

पिछले 24 घंटो की यदि बात की जाये तो प्रदेश के सभी संभागों में मौसम शुष्क ही रहा , सभी संभागों के जिलों में अधिकतम तापमान में कोई विशेष परिवर्तन नहीं हुआ इसी तरह न्यूनतम तापमान में भी बहुत विशेष परिवर्तन दिखाई नहीं दिया, प्रदेश में सर्वाधिक अधिकतम तापमान 34 डिग्री सेल्सियस नरसिंहपुर में दर्ज किया गया जबकि सबसे कम न्यूनतम तापमान 14.2  डिग्री सेल्सियस नौगांव में दर्ज किया गया। मौसम विभाग की माने तो आने वाले 24 घंटों में कोई विशेष अंतर मध्य प्रदेश के मौसम में दिखाई नहीं दे रहा है।

 

  • Related Posts

    चंद्र ग्रहण आज, करीब साढ़े तीन घंटे तक चलेगा, इन देशों में दिखाई देगा ग्रहण

    उज्जैन खगोलीय गणना के अनुसार आज साल का पहला पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा। हालांकि यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। वर्ष 2025 में चार ग्रहण होंगे। इनमें दो चंद्र…

    ऐतिहासिक ग्वालियर किले का आधा हिस्सा निजी हाथों में, 5 साल सौंदर्यीकरण और देखरेख के लिए दिया गया

     ग्वालियर  मध्यप्रदेश में हुए ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट Memorandum of understanding (MOU) पर वर्क शुरू हो गया है। इसी कड़ी में ऐतिहासिक ग्वालियर किले का आधा हिस्सा निजी हाथों में चला…