अरबों डॉलर वाली इस परियोजना को लेकर भारत से फिर वार्ता करना चाहता है चीन

चीन ने चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (सीपीईसी) को लेकर भारत के साथ उभरे मतभेदों को सुलझाने की इच्छा जताई है। चीन के विदेश मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि वह मतभेदों के समाधान के लिए भारत के साथ वार्ता करने को तैयार है।

सीपीईसी पर बीजिंग में भारत के राजदूत गौतम बंबावले के हालिया बयान के बारे में पूछे जाने पर चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा कि चीन इस संबंध में भारत के साथ वार्ता करने का इच्छुक है। बंबावले ने हाल में चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स को दिए साक्षात्कार में था, ‘सीपीईसी गुलाम कश्मीर से होकर गुजरता है। इसलिए यह हमारी क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन करता है। यह हमारे लिए बड़ी समस्या है। दोनों देशों को इस पर खुलकर बातचीत करनी चाहिए। इसका हल निकालना चाहिए।’

चीन की प्रवक्ता ने कहा, ‘सीपीईसी पर चीन कई बार अपना रुख स्पष्ट कर चुका है। जहां तक भारत के साथ मतभेदों का सवाल है तो चीन इसके समाधान के लिए भारत के साथ बातचीत करने को तैयार है ताकि इन मतभेदों का हमारे आम हितों पर कोई प्रभाव ना पड़े। सीपीईसी सिर्फ आर्थिक सहयोग की परियोजना है। इससे किसी तीसरे पक्ष को निशाना नहीं बनाया जा रहा। हमें उम्मीद है कि भारतीय पक्ष इस दृष्टिकोण से इसे देखेगा। हम भारतीय पक्ष के साथ सहयोग को प्रगाढ़ करने के रुख पर कायम हैं।’

सीपीईसी पर भारत को आपत्ति

भारत ने 50 अरब डॉलर (करीब 3.20 लाख करोड़ रुपये) की लागत वाले सीपीईसी पर आपत्ति जताई है क्योंकि यह गुलाम कश्मीर से होकर गुजरेगा। करीब तीन हजार किमी लंबे सीपीईसी से पश्चिमी चीन के काशगर को पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह से जोड़ा जाना है।

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